लीलाधर जगूड़ी

जब सिल्ला वाले रात का खाना खाते हैं तब चिल्ला वाले सो चुके होते हैंजब सिल्ला वाले रात का खाना खाते हैं तब चिल्ला वाले सो चुके होते हैं

जब सिल्ला वाले रात का खाना खाते हैं तब चिल्ला वाले सो चुके होते हैं

सिल्ला और चिल्ला गाँव - लीलाधर जगूड़ी हम सिल्ला और चिल्ला गाँव के रहनेवाले हैंकुछ काम हम करते हैं कुछ…

6 years ago
लीलाधर जगूड़ी को वर्ष-2018 का व्यास सम्मानलीलाधर जगूड़ी को वर्ष-2018 का व्यास सम्मान

लीलाधर जगूड़ी को वर्ष-2018 का व्यास सम्मान

प्रसिद्ध कवि लीलाधर जगूड़ी जी को उनकी काव्य रचना ‘जितने लोग उतना प्रेम’ के लिए अखिल भारतीय बिड़ला फाउंडेशन का…

6 years ago
कुछ काम हम करते हैं कुछ करते हैं पहाड़कुछ काम हम करते हैं कुछ करते हैं पहाड़

कुछ काम हम करते हैं कुछ करते हैं पहाड़

पहली जुलाई 1944 को उत्तराखंड के टिहरी जिले के धंगण गाँव में जन्मे लीलाधर जगूड़ी वर्तमान समकालीन में हिन्दी के…

6 years ago