मुर्दाक बयान

शेरदा ‘अनपढ़’ की कविता मुर्दाक बयान

https://www.youtube.com/embed/pU4wsqxMyE0 जब तलक बैठुल कुनैछी, बट्यावौ- बट्यावौ है गेपराण लै छुटण निदी, उठाऔ- उठाऔ है गे(Sherda Anpadh Poem) जो दिन…

4 years ago