अशोक पाण्डे

एक हल्द्वानी-अल्मोड़ा कथा उर्फ़ संजू बाबू का एक और असफल प्रेम

संजू बाबू नैनीताल के एक बड़े अंगरेजी स्कूल से पढ़े थे. यह इकलौता तथ्य उन्हें अधिकार देता था कि वे…

5 years ago

कुछ बड़ा हुआ था 1977 के चुनाव में – बचपन की एक स्मृति

1977 में मैं करीब दस साल का था. दो साल पहले जब इमरजेंसी लगी थी, हम लोग अल्मोड़ा में रहते…

6 years ago

गुलों में रंग भरे: जन्मदिन पर मेहदी हसन की याद

उस्तादों से लगी लगन तब न कविता की तमीज़ थी न संगीत समझने की. बीस-बाईस की उम्र थी और मीर…

6 years ago

मृत्यु को मजाक बना देने में उस्ताद हैं हम

नदी किनारे एक बड़े पत्थर पर थका बैठा मैं इंतज़ार कर रहा था कि चिता किसी तरह आग पकड़ ले,…

6 years ago

चेकोस्लोवाकिया के भूत-भिसौणों के किस्से

भूत-प्रेत और उनके अस्तित्व और उनके बारे में प्रचलित बेहद रचनात्मक किस्से-कहानियां बचपन से ही मुझे बहुत आकर्षित करते रहे…

6 years ago

सुतली उस्ताद और फेसबुक

जल के असंख्य नाम होते हैं. मेरे एक परम सखा के भी ऐसे ही असंख्य नाम हैं. कोई तीसेक साल…

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सुल्ताना डाकू की अजब दास्तान

सुल्ताना डाकू के नाम से कुख्यात सुलतान सिंह का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के बिजनौर-मुरादाबाद इलाके में रहने वाले घुमन्तू और…

6 years ago

मुनस्यारी का बुरांश

चल रूपा बुरांसा क फूल बणी जौंला छमछम हिट छींछांड़ियूं को पाणी पेई औंला गढ़वाली कवि-गीतकार महेशानंद गौड़ 'चंदा' का…

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भैया जी का हाथी पारक

भैया जी एक स्कूलसखा के सखा थे और जीवन में पहली बार पहाड़ घूमने के उद्देश्य से लखनऊ से नैनीताल…

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लाला अमरनाथ को आंकड़ों में नहीं बांधा जा सकता

भारत में क्रिकेट अपनी जड़ें जमा रहा था जब 1933 में बॉम्बे जिमखाना में बाइस साल के लाला अमरनाथ ने…

6 years ago