भारतीय वायु सेना द्वारा आज सुबह पाकिस्तान पर किये गये हमले के बाद सोशियल साइट्स पर #सर्जिकल स्ट्राइक2 नंबर वन ट्रेंड कर रहा है. उत्तराखंड के कई जिलों में भी लोग पटाखे फोड़ रहे हैं और एक दूसरे को मिठाई भी बांट रहे हैं.
इसी बीच उस जगह की तस्वीरें भी आ गयी हैं जहां पर भारतीय वायु सेना ने बम गिराये थे. न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीटर पर कुछ तस्वीरें जारी की हैं.
पहली तस्वीर में जैश-ए-मोहम्मद के उस आतंकी कैंप की बताई गयी है जिसे बीती रात इंडियन एयरफोर्स ने ध्वस्त कर दिया था. इस तस्वीर के ट्वीट पर लिखा गया है कि बालाकोट में स्थित इस आतंकी कैंप में 200 एके राइफल्स, अनगिनत गोलियां, भारी बारूद और डेटोनेटर्स थे.
एक दूसरी तस्वीर भी एएनआई ने साझा की है. दूसरी तस्वीर में दिलचस्प बात यह है कि जैश-ए-मोहम्मद के कैंप की सीढ़ियों पर अमेरिका, ब्रिटेन और इज़राइल के झंडे बने हुए हैं.
अब यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि बालाकोट एल.ओ.सी. (LOC) के पास वाला नहीं बल्कि पाकिस्तान के खैबर पख्तुनख्वा वाला बालाकोट है. बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ये हमला पाकिस्तान वाले बालाकोट में ही हुआ है. एक वीडियो में वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि रात 3 बजे के लगभग बहुत तेज़ धमाके की आवाज़ आई.
इस बात का मतलब यह है कि इंडियन एयरफोर्स ने केवल पाक अधिकृत कश्मीर में हमला नहीं किया बल्कि पाकिस्तान की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पार कर हमला किया है. हालांकि भारत ने आधिकारिक बयान में यह कहा है कि हमला बिना अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का उलंघन किये बिना किया गया है.
इसी बीच एक अन्य ख़बर गुजरात के पाकिस्तान बार्डर से भी आ रही है. कहा जा रहा है कि इंडियन एयरफोर्स के हमले के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान के एक ड्रोन ने भारत की सीमा में घुसने की कोशिश की. गुजरात के अबडासा गांव में इंडियन एयरफोर्स को पाकिस्तान का ड्रोन दिखा, जिसे एयरफोर्स ने तुरंत ही मार गिराया था.
-काफल ट्री डेस्क
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…