Featured

कोट की माई भ्रामरी देवी को भ्रामरी क्यों कहते हैं?

उत्तराखंड में कोट की माई भ्रामरी आदि शक्ति नंदा का ही एक रूप है. कत्यूर घाटी क्षेत्र में मां शक्ति भ्रामरी विशेष रूप से पूजी जाती है. कोट की माई भ्रामरी की जागर में एक कथा बतायी जाती है कि क्यों उन्हें भ्रामरी देवी कहा जाता है.

कहा जाता है कि कई हजारों साल पहले एक बार कत्यूर घाटी में अरुण नाम का दैत्य था. अरुण दैत्य ने पूरी कत्यूर घाटी में आतंक मचाया था. एक बार कत्यूर घाटी में प्रलय लाने हेतु उसने दो पर्वतों के बीच बहने वाली नदी पर एक और पहाड़ रख दिया और बहते पानी को रोक दिया.

बैजनाथ और बागेश्वर के बीच संकरी घाटी में पानी रोकने से गोमती, गरुड़ गंगा और इसमें गिरने वाले हजारों गाड़ गधेरों का पानी रुक गया और पानी का स्तर ऊपर बढ़ने लगा. ग्वालदम से कौसानी तक पानी की ताल बन गयी. पूरी कत्यूर घाटी एक ताल बन गयी.

ऐसे प्रलय के समय लोगों में हाहाकार मच गया और उन्होंने देवी देवताओं को याद किया. तभी देवी प्रकट हुई और उसने ऐरावत हाथी को उपजाया. ऐरावत हाथी को उपजाकर देवी ने उसे ताल समुद्र पी जाने को कहा. ऐरावत पानी पीने लगा तो ताल का पानी घटते घटते कम हो गया.

जब अरुण दैत्य को इस बारे में पता चला तो वह देवी को मारने दौड़ा. देवी भागती हुई एक ऊँचे पर्वत पर खड़ी हो गयी. उसने अपनी दोनों हथेलियों से अरुण दैत्य के ऊपर भौरे छोड़े. अरुण दैत्य भौरों से जब घिर गया तो उसने भौरे उत्पन्न किया.

देवी और अरुण दैत्य के भौरों के बीच युद्ध हुआ. अरुण दैत्य के भौरे पराजित हुए तब देवी के भौरों ने अरुण दैत्य का नाश किया. इस तरह देवी ने पृथ्वी पर लोगों की रक्षा की. जिस स्थान पर देवी खड़ी थी वहीं पर एक मंदिर की स्थापना की गयी और देवी का नाम पड़ा भ्रामरी.

कोट भ्रामरी देवी के विषय में अधिक पढ़िए : कोट भ्रामरी मंदिर और नंदा देवी

कोट भ्रामरी का नंदा मेला की तस्वीरें देखिये कोट भ्रामरी का नंदा मेला

वाट्सएप में काफल ट्री की पोस्ट पाने के लिये यहाँ क्लिक करें. वाट्सएप काफल ट्री

-काफल ट्री डेस्क

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

रबिंद्रनाथ टैगोर की कहानी: तोता

एक था तोता. वह बड़ा मूर्ख था. गाता तो था, पर शास्त्र नहीं पढ़ता था.…

6 hours ago

यम और नचिकेता की कथा

https://www.youtube.com/embed/sGts_iy4Pqk Mindfit GROWTH ये कहानी है कठोपनिषद की ! इसके अनुसार ऋषि वाज्श्र्वा, जो कि…

1 day ago

अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण

-कमल कुमार जोशी समुद्र-सतह से 12,073 फुट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ को संसार में…

2 days ago

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

6 days ago

कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…

1 week ago

‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा

‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…

2 weeks ago