अक्टूबर 2014 में आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल से विश्व के सर्वश्रेष्ठ ऑफ स्पिनर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा:
“संशय में डालने वाली बात यह थी कि मुझे लगता था कि प्रसन्ना मुझे हर गेंद पर आउट करना चाहते थे. सो यह एक खासी बड़ी चुनौती हुआ करती थी. 1969 में जब हम भारत में खेलने आये तो बेदी और प्रसन्ना में यह मूल अंतर था कि प्रसन्ना मुझे हर गेंद पर आउट करना चाहते थे जबकि बेदी मुझे थकाने की कोशिश करते थे और मेरे आउट हो जाने का इंतजार किया करते थे. सो इस लिहाज से प्रसन्ना के सामने होना आनंदकारी होता था. (Spinner EAS Prasanna Birthday)
उनकी दूसरी बड़ी खूबी यह थी कि उन्हें गेंद को फ्लाईट देने में महारत हासिल थी. एक दफा हम ऐसे ही बैठे बीयर पी रहे थे जब मैंने उनसे कहा – ‘भाई तुमने गेंद पर कोई धागा बाँध रखा है क्या? हर बार जब वह तुम्हारे हाथ से छूटती है तो मैं अपने आप से कहता हूँ कि इस वाली को मैं मारूंगा और मैं आगे बढ़ता हूँ. तुम अचानक उस धागे को खींच देते हो और गेंद को एकदम से गिरा देते हो.’
बहुत से लोग बल्लेबाज के ब्लाइंड स्पॉट के बारे में बात करते हैं. महान लेग स्पिनर टाइगर ओ’रिली कहते थे कि अगर वे गेंद को मिडिल और लेग स्टम्प की तरफ घुमा सकें तो वह बल्लेबाज के लिए ब्लाइंड स्पॉट होता है. 1969 में ब्रेबोर्न स्टेडियम में पहला टेस्ट मैच चल रहा था. प्रसन्ना ने गेंद फेंकी और मैं उस पर अटैक करने की नीयत से आगे बढ़ा. मुझे लग रहा था कि मैंने गेंद को कवर किया हुआ है सो मैंने एक बड़ी ड्राइव खेलनी चाही. और मुझे पता ही नहीं चला कि गेंद गयी कहाँ. वह कतई गायब हो गयी और अगली चीज जो मुझे याद है वह ये कि पीछे स्टम्प पर गेंद लगने की आवाज मेरे कानों में पड़ी और मैं वापस पैविलियन की तरफ चल दिया.
वो 26 रनों की यादगार पारी और लटक-लटक कर नाटे कद से छरहरा व लंबा बन जाना
1969 के उस पूरे दौरे में मेरे और डग वाल्टर्स (एक और महान ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज) के बीच यह अनंत बहस चला करती थी कि ‘दुनिया में सबसे अच्छा स्पिनर कौन है?’ और वाल्टर्स कहते थे बेदी जबकि मैं प्रसन्ना के नाम पर अड़ा रहता था. मेरी डग से कुछ दिन पहले मुलाक़ात हुई और हमारे बीच वही बहस फिर से शुरू हो गयी. कौन था सबसे बढ़िया स्पिनर? प्रसन्ना या बेदी? मुझे लगता नहीं हम कभी इस विषय पर एकमत हो सकेंगे.”
1960 और 1970 के दशक की भारतीय स्पिन चौकड़ी के एक महत्वपूर्ण स्तम्भ इन्हीं इरापल्ली अनंतराव श्रीनिवास प्रसन्ना यानी ईएएस का आज 79वां जन्मदिन है. 22 मई 1940 को बंगलौर में जन्मे प्रसन्ना ने एक बेहतरीन ऑफ स्पिनर के रूप में भारतीय टीम के लिए 10 जनवरी 1962 को इंग्लैण्ड के खिलाफ अपने टेस्ट जीवन का आगाज किया था. उन्होंने 49 टेस्ट मैचों में भारत के लिए कुल 189 विकेट लिए और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 958 विकेट.
आपको याद होगा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अमर हो चुकी स्पिन चौकड़ी में से एक भागवत चंद्रशेखर का जन्मदिन भी अभी इसी महीने कुछ दिन पहले मनाया गया था.
अपने समय के सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर थे चंदू
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