हालांकि पानी हमारे जीवन के सबसे बुनियादी और ज़रूरी तत्वों में से एक है, उसके कई गुण अभी तक वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बने हुए हैं.
न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने हाल ही में पानी के अणुओं के ऐसे नए गुण खोज निकाले हैं जो द्रवों की हमारी समझ और उन पर आधारित तकनीकी शोधकार्य को नई दिशा दे सकने में उपयोगी साबित हो सकते हैं.
सभी जानते हैं कि पानी का एक अणु H2O हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक अणु से मिलकर बनता है. वैज्ञानिक काफी पहले प्रमाणित कर चुके हैं कि द्रव अवस्था में पानी अपने ऑटोआयोनाईजेशन के उत्पादों का अच्छा ट्रांसपोर्टर होता है. इसका अर्थ ऐसे समझा जा सकता है कि जब पानी का एक अणु विखंडित होकर H+ और OH- में टूटता है तो उसमें से विद्युत धारा होकर बहने लगती है. ये टूटे हुए आयन्स हाइड्रोजन के माध्यम से विचरण करते हैं और अन्य अणुओं से मिलकर बांड बनाते हैं. लम्बे समय तक विश्वास किया जाता रहा था कि H+ और OH- आयन्स एक दूसरे की मिरर इमेजेज होते हैं और एक ही तरीके से एक ही गति से चलायमान रहते हैं. वैज्ञानिक सोचते थे कि इनकी गतियों में इकलौता अंतर दिशा का होता था.
आधुनिकतम शोधों में तैयार हुए पानी के अणु के मॉडल्स के माध्यम से ऐसा निष्कर्ष निकलता है कि इन दोनों आयन्स के ट्रांसपोर्ट मैकेनिज्म में एक मूलभूत अंतर पाया जाता है. इस आशय की एक रपट फिजिकल रिव्यू लेटर्स में छपी है जो बताती है कि 4 डिग्री सेल्सियस पर यह अंतर सबसे अधिक पाया जाता है.
यह पानी का एक और विचित्र गुण है कि जमा हुआ पानी अर्थात बर्फ दूसरे पदार्थों के उलट द्रव पानी से कम सघन होता है. बाकी पदार्थ इसके उलटे होते हैं. पानी 4 डिग्री सेल्सियस पर जम जाता है. न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के रसायनशास्त्र और गणित के प्रोफेसर मार्क टकर मैन ने बताया है कि इस तापमान पर H+ और OH- आयन्स पर किये गए इस नवीनतम शोध का इस्तेमाल ऊर्जा के बेहतर संसाधनों के विकास में किया जा सकने की संभावनाएं हैं.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…
View Comments
OK......)))