“सन्तोष जोशी विजयपुर कांडा, बागेश्वर में शिक्षक हैं. कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया के माध्यम से जान पहचान हुई. फिर 3 दिन पहले उन्होंने झिझकते हुए एक वीडियो भेजा कहा कि भाईसाहब मैँ भी बच्चों के साथ नाटकों पर काम करता हूँ, मेरा वीडियो देख कर बताइयेगा कैसा लगा.” (Santosh Joshi Government School Kanda Bageshwar )
“स्वच्छता अभियान को लेकर तीन बच्चों द्वारा परफॉर्म किया गया यह छोटा सा मगर इसमें बहुत ही जानदार संवाद हैं. थीम दमदार हैं.” (Santosh Joshi Government School Kanda Bageshwar )
इसलिए मैंने देख फ़ौरन बिना उनसे पूछे अपनी फेसबुक वॉल पर लगा दिया. था ही इतना शानदार. तब से जिस गति से उसको शेयर किया गया और लाइक किया गया मैँ खुद अभिभूत हूँ. अभी थोड़ी देर पहले सन्तोष का मैसेज आया कि भाईसाहब उसको 3 दिन में फेसबुक पर 1.5 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं और 3000 से अधिक बार शेयर हो चुका है.”
ये हुई बात. तुम्हारे काम को सलाम मेरे दोस्त! मुझे पता है जब तक तुम जैसे नोजवान मेरे दोस्त हैं हम सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए लगातार नई ऊर्जा के साथ काम करते रहेंगे.”
इस इबारत को जिला नैनीताल के रामनगर के समीप ढेला नामक स्थान पर एक राजकीय विद्यालय में शिक्षक नवेंदु मठपाल ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है. (Santosh Joshi Government School Kanda Bageshwar )
संतोष जोशी ने मशहूर व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई द्वारा लिखे गए ‘भोलाराम का जीव’ पर आधारित एक नाटक का सृजन किया और विजयपुर, कांडा, जिला बागेश्वर के नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा उसे मंचित किया.
सरकारी स्कूलों में कुछ नहीं होता है या कुछ नहीं हो सकता है का रोना रोने वालों के लिए संतोष जोशी ने एक मिसाल पेश की है. शिक्षक के भीतर कुछ नया करने की लगन और सीमित संसाधनों के बावजूद परफॉर्म कर सकने का जज्बा हो तो बहुत कुछ किया जा सकता है.
बधाई इन बच्चों को और इनके शिक्षक संतोष जोशी को.
आप भी देखिये विजयपुर कांडा, बागेश्वर के सरकारी स्कूल के बच्चों द्वारा मंचित इस नाटक को.
उम्मीद जगाते राजकीय विद्यालय बजेला के नन्हें बच्चे
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शानदार नाटक किया।
गज़ब का अभिनय व संवाद । बच्चों ने मंझा हुआ अभिनय किया ।
बहुत ही सराहनीय कार्य किया है संतोष जी ने ,और धन्यवाद आपको , आपने यह सब तक पहुचाया ।