जननायक डॉक्टर शमशेर सिंह बिष्ट की पांचवीं पुण्यतिथि पर अल्मोड़ा में उन्हें याद किया गया. मुख्य वक्ता के रूप में हिमाचल से हीमधारा कलेक्टिव की संस्थापक और पर्यावरण न्याय पर शोधकर्ता मांशी आशर ने अपने संबोधन में बोला कि हिमाचल में विकास के नाम पर जो विनाश की नीतियां बनी है वही आपदा का मुख्य कारण रही है. सड़क चौड़ीकरण से लेकर बड़े बांधों से पहाड़ को जो खतरा है वह हम सब आए दिन आपदा के रूप में देख रहे हैं उन्होंने चेताया कि हाल ही में हिमाचल में अनियंत्रित विकास से जो विनाश हुआ है वह किसी भी पर्वती क्षेत्र में प्रकृति की अनदेखी द्वारा हो सकता है.
(Remembering Shamsher Singh Bisht 2023)
मांशी आशर ने कहा कि उच्च पदों पर बैठे नेता और नौकरशाह पहाड़ों को चीर कर अपने ऐशगाह के लिए बड़े-बड़े रिजॉर्ट्स का निर्माण कर रहे हैं. प्रकृति के प्रति हमें संवेदनशील होना होगा.
नैनीताल से प्राकृति मित्र और वन्य सलाहकार विनोद पांडे ने अपने वक्तव्य में बताया कि कैसे सरकार नियम कानून को संशोधित करके प्रकृति से खिलवाड़ कर रही है. सीमांत क्षेत्र के प्रति सरकार जो नीतियां बना रही है वह पर्वतीय क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा संकट हैं.
जननायक डॉक्टर शमशेर सिंह बिष्ट को याद करते हुए विनोद पांडे ने बताया कि कैसे संघर्ष वाहिनी ने जनता को जागरुक करते हुए समूचे पर्वतीय क्षेत्र चाहे वह कुमाऊं हो या गढ़वाल एक वृहद आंदोलन की रचना कीजो बाद में चिपको आंदोलन के रूप में भी प्रसिद्ध हुआ. वाहिनी के जगत रौतेला ने संघर्षों के दिनों को याद करते हुए कहा कि डाक्टर बिष्ट के विचार आज और भी प्रासंगिक है.
(Remembering Shamsher Singh Bisht 2023)
उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष राजीव लोचन शाह ने डाक्टर बिष्ट के आखिरी दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने समाज के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए. अल्मोड़ा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश परिहार ने बताया कि संघर्ष वाहिनी ने कैसे जल, जंगल, जमीन को बचाए रखने के लिए आंदोलन लड़े. बड़े-बड़े रसूखदारों के लिए सरकार अपनी नीतियों से आमजन की आजीविका को अतिक्रमण के नाम पर बर्बाद कर रही है.
वाहिनी के पुराने साथी मोहन सिंह बिष्ट ने संघर्षों के दिनों को याद करते हुए बताया कि उस समय युवा शक्ति अपने हक हककू के लिए कितनी चेतनशील और जागरूकत थी. उनके आंदोलनों में सक्रिय रहने के कारण अपने विवाह समारोह से पूर्व उन्हें पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कुड़की का वारंट जारी कर दिया गया. जननायक डॉक्टर बिष्ट को उन्होंने सच्चा प्रणेता बताया. गिर्दा के जनगीत गाकर नीरज भट्ट,भास्कर, नीरज पांगती और साथियों ने डाक्टर बिष्ट को श्रद्धांजलि दी. रेवती बिष्ट ने सभी आगंतुकों का आभार जताया. सभा को वाहिनी के महासचिव पूरन चंद्र तिवारी, दया कृष्ण कांडपाल, परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी आदि ने भी संबोधित किया.अंत में अजेयमित्र सिंह बिष्ट ने शमशेर स्मृति समारोह समिति की ओर से बताया कि यह एक प्रयास है कि डाक्टर बिष्ट के विचार हमेशा अमर रहें और समाज को हर कठिनाई में रास्ता दिखाते रहें. उन्होंने कहा कि आगामी समारोह को और भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा, जिसमें पूरे देश से प्रगतिशील ताकतों को आमंत्रित किया जाएगा.
(Remembering Shamsher Singh Bisht 2023)
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