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पहाड़ी लाल कद्दू की ज़ायकेदार चटनी

सर्दियों का मौसम आते ही आप पहाड़ के किसी गांव की ओर चले जायें, आपको छत पर तथा दन्यारों पर लाल-लाल कददू की लम्बी लम्बी कतारें दिख जायेंगी. दरअसल छत पर ही इन पके हुए कद्दुओं का लम्बे समय तक भंडारण संभव है. हालांकि आज गांवों तक बन्दरों की धमक से अब यह नजारा आम नहीं रह चुका है, लेकिन जिन इलाकों में बन्दरों का आतंक नहीं है ये आज भी छत की  शोभा बढ़ाते दिख ही जायेंगे. छत पर रखने से इनको गर्मियों तक सुरक्षित रखा जा सकता है और वक्त जरूरत इसका इस्तेमाल किया जा सकता  है. Red Pumpkin Chutney

मुंह का स्वाद बदलने के लिए भले ही हम कभी-कभार कद्दू की सब्जी खा लें लेकिन सब्जियों की श्रेणी में कद्दू सबसे निचली पायदान पर ही अपनी जगह बना पाया है. लेकिन यहां आपको लाल कद्दू की जायेकदार चटनी बनाने का तरीका बतायेंगे तो निश्चित रूप से जिस कददू को आप हिकारत की नजर से देखते हैं. उसकी चटनी लगी अंगुलियां भी चाटते रह जायेंगे. चलिये ! बताते हैं आपको कैसे बनायें लाल कद्दू की चटनी. Red Pumpkin Chutney

सबसे पहले लाल कद्दू से परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुसार एक टुकड़ा काट लें. 4-5 सदस्यों वाले परिवार के लिए एक किलो कद्दू पर्याप्त है. इसका बाहरी छिलका उतारकर टुकड़े बना लें. टुकड़े बड़े बनायेंगे तो मैस करने में आसान होगा. अब इन्हें प्रेशर कूकर में 2-3 सीटी लगायें और नीचे उतार दें. जब तक प्रेशर कूकर का पूरा प्रेशर बाहर नहीं निकलता. लगभग 100 से 150 ग्राम भांग के बीजों को साफ कर कढ़ाही में भून लें. कढ़ाही में इसलिए कि तवे पर भांग के बीज भूनते समय इधर उधर छिटक जायेंगे.

भांग के बीजों के थोड़ा ठण्डा होने तक एक टुकड़ा अदरक को बारीक काटकर तैयार रखें. भांग के बीज ठण्डे हो गये हों तो मिक्सर ग्राइन्डर में इनको पीस कर रख लें. अब लोहे की कढ़ाही में एक बड़ा चम्मच सरसों का तेल गैस पर चढ़ायें. जब तेल गरम हो जाय तो 8-10 लाल मिर्च को तेल में अच्छी तरह भून लें और बाहर निकाल कर रख दें. शेष बचे तेल में पहले जीरे अथवा धनिये का छोंक दें. जब जीरा अथवा धनिया भुन जाय तो ऊपर से आधा चम्मच जखिया डाल दें और इसके तुरन्त बाद कटी हुई अदरक भी इसमें तल लें. जब यह हल्के भूरे रंग की दिखने लगे तो उबला कद्दू इसके ऊपर उड़ेल दें तथा आधी छोटी चम्मच धनिया पाउडर व आधी छोटी चम्मच हल्दी तथा स्वादानुसार नमक डाल दें.

ध्यान रहे कि इसमें खट्टा व मीठा दोनों चीज पड़ता है इसलिए नमक की मात्रा सब्जी से थोड़ा बढ़ाकर ही डालें. इसके बाद मसालों के साथ कद्दू को करछी की सहायता से अच्छी तरह मैस कर लें. कद्दू का कोई टुकड़ा साबुत न बचे. जब मसाले थोड़ा पक जायं तो लगभग 200 ग्राम गुड़ कुतरकर डाल लें तथा भांग के बीजों का पाउडर व भुनी हुई मिर्च को मसलकर इसमें डाल दें. आधे बड़े नीबू का रस भी ऊपर से निचोड़ दें तथा जब तक पानी बिल्कुल सूख न जाये करछी से चलाकर सारी सामग्री को बराबर मिलाते रहे और तला लगने से भी बचाये. जब पूरा पानी सूख जाय तो ऊपर से आधा चम्मच गरम मसाला डाल सकते हैं. नीचे उतारकर बारीक कटी हुई हरे धनिये की पत्तियों से गार्निश कर सकती हैं. बस हो गयी तैयार लाल कद्दू की चटनी. इसे रोटी के साथ सब्जी का टेस्ट बदलने के लिए यह जायकेदार डिश का काम करेगी. फ्रिज में रखकर एक दिन से अधिक भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

भुवन चन्द्र पन्त

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भवाली में रहने वाले भुवन चन्द्र पन्त ने वर्ष 2014 तक नैनीताल के भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय में 34 वर्षों तक सेवा दी है. आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से उनकी कवितायें प्रसारित हो चुकी हैं

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