जयमित्र सिंह बिष्ट

अल्मोड़ा में एक ही पेड़ पर दो रंगों के बुरांश खिलने का चमत्कार

कुदरत कब आपको अपने नए रूप से अचंभित कर दे शायद हम उसकी कल्पना तक नहीं कर सकते. ऐसा ही कुछ हमारे साथ पिछले दिनों हुआ जब होली के अगले दिन हम, मैं और मेरे दोस्त निकल पड़े अल्मोड़ा के ऐड़ादेव के जंगल की ओर. सुबह-सुबह जब हम जंगल में वॉक के लिए निकले तो हमारी नज़र प्रकृति के इस अजूबे पर पड़ी. (Red pink Rhododendron)

ये एक बुरांश का साधारण सा पेड़ था पर इस एक पेड़ में बुरांश के दो रंगों के फूल खिले थे, एक लाल और दूसरा गुलाबी रंग का. पहले तो हमें अपनी आंखों में यकीन सा नहीं हुआ, फिर मैंने ऊपर जिस जगह में हम थे वहीं से इस पेड़ के फोटो अपने कैमरे में क़ैद किए. फोटो में भी दो तरह के रंगों के बुरांश दिख रहे थे. एक तो बुरांश का इस उंचाई पर पाया जाने वाला सामान्य लाल रंग का फूल था किंतु दूसरा उससे बिल्कुल अलग गुलाबी बुरांश था.

Red pink RhododendronRed pink Rhododendron

सभी वॉक के लिए निकले थे इसलिए अन्य लोग भारत शाह, गोकुल साही, सौरभ पांडे एवम वेदांत पांडे आगे जा चुके थे और मैं हमेशा की तरह अपने कैमरे के साथ पीछे रह गया था. मैं इस कशमकश में था कि गुलाबी बुरांश जो सामान्यतः तकरीबन 3000 मीटर की ऊंचाई में पाया जाता है वह यहां 1900 मीटर पर कैसे खिला हुआ है. उस पर भी एक पेड़ में दो रंगों के फूल, ये वाकई में अजीब था. कुछ फोटो उस अजीब किन्तु बेहद खूबसूरत पेड़ के अपने कैमरे में क़ैद कर मैं अपने साथियों के पीछे चल पड़ा.

पूरे रास्ते बुरांश के लाल फूलों से लदे पेड़ों ने गज़ब ढा रखा था. हम तकरीबन तीन घण्टे उस बुरांश के जंगल में रहे. इस दौरान मैं फोटोग्राफी करता रहा. वापस लौटते समय एक बार फ़िर दो तरह के रंगों के बुरांश से लदा खूबसूरत बुरांश का पेड़ मिला. क्योंकि वह सड़क से काफी नीचे गधेरे में था इसलिए मैंने नीचे उसके पास तक जाने का मन बनाया ताकि उस खूबसूरत गुलाबी बुरांश के और फोटो लिए जा सकें. मैं किसी तरह उस पेड़ तक पंहुचा और कुदरत के इस करिश्मे को और नजदीक से महसूस किया. जिस गुलाबी बुरांस को देखने भर के लिए आपको कई सौ किलोमीटर की दूरी और पैदल ट्रेक करना पड़ता है वो आजकल अल्मोड़ा के ऐड़ादेव के जंगलों में खिल रहा है. ये कुदरत का करिश्मा ही तो है ही, साथ ही शोध का विषय भी है.

अगर आप भी इस अनूठे बुरांश के पेड़ को देखना चाहते हैं तो आप जा सकते हैं ऐड़ादेव, जो अल्मोड़ा से तकरीबन 51 कि.मी. की दूरी पर स्थित एक बेहद सुंदर स्थान है. बांज और बुरांश के जंगल से घिरा यह स्थल आपको सुबह-सुबह जंगल रूपी समुद्र के बीच में एक द्वीप पर होने का अहसास कराता हैं. जाड़ों में चारों तरफ की घाटियों में कोहरा भरा होता है और ऐड़ादेव के ऊंचाई पर स्थिति मंदिर के सामने हिमालय बाहें फैलाए आपको बुला रहा होता है. यहां का जंगल जिसमें बांज, बुरांश और सिल्वर ओक प्रमुख है जंगली जानवरों से भरा पड़ा है, यहां आपको तरह तरह की चिड़ियाएं भी देखने को मिल जायेंगी बर्ड वॉचर्स के लिए यह एक मुफीद जगह है पर आजकल यहां आप जाएं तो इस गुलाबी बुरांश को देखना न भूलें. फ़िलहाल गुलाबी बुरांश की तस्वीरों का आनन्द लीजिए.

जयमित्र सिंह बिष्ट
अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.

इसे भी देखें: अल्मोड़ा ने ऐसे किया बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन का स्वागत

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