लोकपर्व फूलदेई के मौके पर ‘काफल ट्री’ अपने निर्माणाधीन ‘सांस्कृतिक केंद्र’ के नाम की घोषणा कर रहा है. हल्द्वानी में स्थित इस सांस्कृतिक केंद्र को ‘रमोलिया हाउस’ नाम दिया गया है. रमोलिया हाउस के माध्यम से ‘काफल ट्री’ डिजिटल दुनिया से वास्तविक दुनिया में एक कदम आगे बढ़ा रहा है. यह एक एक्टिविटी सेंटर की तरह काम करेगा, जो भविष्य में कला प्रेमियों का अड्डा बनेगा. जहाँ तरह-तरह की सांस्कृतिक, साहित्यिक गतिविधियों के जमावड़े लगा करेंगे. अपने परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों के साथ इस खबर को साझा कर आप भी इस नये कदम के साथी बन सकते हैं.
(Ramoliya House Haldwani)
रमोलिया हाउस फोक म्यूजिक, फोक आर्ट, फोक डांस, रंगमंच, पुस्तक चर्चा, ओपन माइक, किस्सागोई, सिनेमा, पेंटिंग प्रदर्शनी, फ़ोटोग्राफ़ी प्रदर्शनी, कार्यशालाएं जैसी गतिविधियों का संचालन करेगा. रमोलिया हाउस हल्द्वानी में कालाढूंगी चौराहे के पास स्थित केएमवीएन शॉपिंग काम्प्लेक्स के दूसरे तल पर स्थित है.
रमोलिया हाउस की स्थापना का उदेश्य लोक कला और संस्कृति के कई तरह के आयोजन और वर्कशॉप करना है. सांस्कृतिक केंद्र के तहत काफल ट्री कई तरह की सांस्कृतिक गतिविधियों का सञ्चालन करेगा. इन गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को अपनी कला के प्रदर्शन का मौका मिलेगा.
उत्तराखंड के पास लोक संस्कृति की एक मजबूत विरासत है. एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक यह विरासत हस्तांतरित होती रही है. बदलते सामजिक परिवेश में यह देखा गया है कि कुछ दशकों से लोक संस्कृति का यह हस्तान्तरण कम होता चला गया है. अनेक ऐसी लोक परम्पराएं हैं जो अब विलुप्त होने की कगार पर हैं.
(Ramoliya House Haldwani)
पिछले कुछ वर्षों में कुछ युवाओं ने विरासत में मिलने वाली कला और हस्तशिल्प में नये प्रयोग किये हैं. कुछ ऐसे कलाकार भी उभरे हैं जिन्होंने रोजगार की नई राह खोजी है. पिरूल, रिंगाल, ऐपण, लोकवाद्य, स्थानीय लकड़ी के उत्पाद, स्थानीय आभूषण एवं वस्त्र आदि के माध्यम से विभिन्न लोगों ने अनेक प्रयोग किये हैं.
सांस्कृतिक केंद्र में विभिन्न क्षेत्रों के विशषज्ञों के साथ ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा जिससे अधिक से अधिक युवा पारम्परिक ज्ञान और संस्कृति के आधार पर नये-नये प्रयोग सीखें. इस प्रकार की कार्यशालाओं से जहां एक ओर संस्कृति संरक्षण होगा वहीं दूसरी और रोजगार के विकल्प भी खुलेंगे.
(Ramoliya House Haldwani)
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