सुन्दर चन्द ठाकुर

खरगोश और कछुए की कहानी में आगे क्या हुआ

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree

खरगोश और कछुए की कहानी सुनी है? यह वाली नहीं सुनी होगी. पुरानी सुनी होगी. खरगोश और कछुआ रेस लगाते हैं. खरगोश ओवरकॉन्फिडेंस में सो जाता है और हार जाता है, स्लो एंड स्टडी विन्स द रेस. अब सुनिए आगे क्या होता है.
(Rabbit and Tortoise New Story)

खरगोश कहता है चल एक और रेस लगाते हैं और इस बार वह अपनी गलती ध्यान में रखता है और जीत जाता है. सबक क्या – गलतियां ध्यान में रखो दुहराओ नहीं. अब पार्ट 3.
(Rabbit and Tortoise New Story)

दोनों जोश में आ जाते हैं. अब कछुआ बोलता है कि चलो एक और रेस लगाते हैं. पर रास्ता बदल देते हैं. इस बार खरगोश तेज भागता है. लेकिन रास्ते में उसे रुकना पड़ता है. क्यों? क्योंकि रास्ते में एक नदी आ जती है. कछुआ आता है और नदी से होता हुआ फिनिश लाइन तक पहुंच जाता है. सबक क्या. हमेशा अपनी स्ट्रेंथ पर ही दांव खेलो.

अब सुनो कहानी का लास्ट पार्ट. अब दोनों दोस्त बन जाते हैं. रास्ता वही नदी वाला. तो जमीन पर खरगोश कछ़ुए को पीठ पर लेकर दौड़ता है और नदी में कछुआ खरगोश की पीठ पर बैठ जाता है. नतीजा क्या. वे और भी जल्दी रेस पूरी कर लेते हैं. सबक? दोस्त ऐसे बनाओ जिनकी स्ट्रेंथ तुम्हारी वीकनेस हो. मोटिवेटेड भी रहोगे और जिंदगी का रास्ता भी आसान लगेगा.
(Rabbit and Tortoise New Story)

सुन्दर चन्द ठाकुर

कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.

इसे भी पढ़ें: आत्म-विश्वास कैसे बढ़ाएं

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

8 hours ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

6 days ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago