समाज

प्लास्टिक की पट्टी के सहारे प्लास्टिक से जंग लड़ रही उत्तराखण्ड सरकार

लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ़ जागरुक करने के लिये माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने देहरादून में एक मानव श्रंखला बनाई. लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करें इसके लिये स्वयं सिंगल यूज प्लास्टिक की पट्टी के पीछे फोटो खिंचवाई. (Plastic free Human Chain Deharadun)

मुख्यमंत्री ने इन तस्वीरों को फेसबुक वाल पर पोस्ट साझा भी किया है.

इन तस्वीरों को गौर से देखा जाय तो मालूम पड़ता है कि प्लास्टिक के खिलाफ़ लड़ने के लिये लामबंद लोगों को प्लास्टिक की संगत में होना जरूरी है. बिना प्लास्टिक के प्लास्टिक के खिलाफ़ जंग कैसे लड़ी जा सकती है. ( Plastic free Human Chain Deharadun )

समाचारों की मानें तो यह श्रृंखला पूरे 50 किलोमीटर लम्बी थी. जहाँ जहां इस श्रृंखला में मानव खड़े दिखाई देते हैं उनको अपनी हद में रखने के लिहाज से प्लास्टक की पट्टी के पीछे खड़ा किया गया है.

प्लास्टिक की पट्टी पर, जो संभवतया मीलों लम्बी रही होगी, लिखा हुआ है – “खतरा/ सावधान/ Men at Work/ Danger/ Caution”

इस पट्टी के बदले मूंज की रस्सी या सुतली से काम चलाया जा सकता था लेकिन इतने मील लम्बी सुतली या रस्सी महंगी आती और उसे बनाने वाले गरीबों की कुछ बिक्री होती लेकिन इतनी बारीक डीटेल्स पर काम करने की मंशा हमारे नियति-नियंताओं की रही होती तो न यह श्रृंखला बनाने की आवश्यकता होती न उसे प्लास्टिक की पट्टी के पीछे खड़ा करने की. वैसे तो ऐसी किसी पट्टी या रस्सी का औचित्य भी समझ पाना मुश्किल है लेकिन जो काम किया जाना है वह किया जाना होता है. सरकारी रीति है. ( Plastic free Human Chain Deharadun )

प्लास्टिक सस्ता बैठता है और उसका उत्पादन बड़ी बड़ी फैक्ट्रियों में होता है. यही उसकी लोकप्रियता का राज है. यह अलग बात है कि जैसे लोहा लोहे को काटता है वैसे ही प्लास्टिक को भी तो प्लास्टिक ही काटेगा.

यहाँ लगाई गयी सभी तस्वीरें माननीय मुख्यमंत्री की फेसबुक वाल से ली गई हैं.

-काफल ट्री डेस्क 

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

16 hours ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

7 days ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago