मूलतः कुमाऊँ के बेरीनाग इलाके के निवासी और हमारे साथी फिल्मकार-पत्रकार विनोद कापड़ी लगातार काफल ट्री पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते आ रहे हैं. उन्होंने अपने बचपन की यादों को साझा करने के अलावा अपनी हाल में रिलीज़ हुई फिल्म ‘पीहू’ की निर्माण प्रक्रिया को लेकर कई लेखों की सीरीज भी इस वेबसाइट पर लिखी है.
इस महीने की 16 तारीख को विनोद कापड़ी की फिल्म ‘पीहू’ रिलीज हुई है. शुरुआती रुझान बताते हैं कि फिल्म भारतीय दर्शकों के मानसपटल अपर अपनी अलग छाप छोड़ने की दिशा में काफी आगे जा चुकी है.
बॉलीवुड की अनेक हिट फिल्मों की जोड़ी – रौनी स्क्रूवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर – इस फिल्म में सह-निर्माता के रूप में जुड़ी हुई है.
अपने घर में अकेली पड़ गयी किसी दो साल की नन्ही बच्ची के लिए उसका अपना ही घर किस कदर खतरनाक हो सकता है – इस थीम पर बुनी गयी है ‘पीहू’. पूरी फिल्म इक इकलौती बच्ची पीहू के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है. पीहू का किरदार मायरा विश्वकर्मा ने इतनी खूबी से निभाया है कि वह देश भर के दर्शकों की चहेती बनती जा रही है. विनोद कापड़ी बताते हैं कि इतनी छोटी बच्ची से काम करवा सकना आसान तो किसी भी कीमत पर नहीं नहीं कहा जा सकता.
फिल्म को विनोद कापड़ी के निर्देशन और पीहू का किरदार निभाने वाली मायरा विश्वकर्मा के लिए अवश्य ही देखा जाना चाहिए.
फिलहाल फिल्म हल्द्वानी के वॉकवे मॉल के कार्निवाल थियेटर में दिखाई जा रही है.
पीहू के निर्माण की कहानी विनोद की ज़बानी सुनने के लिए इन लिंक्स पर जाया जा सकता है:
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