समाज

पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त के बचपन की तस्वीरें

बहुत कम लोग इस बात के जानते हैं कि पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त का जन्म 30 अगस्त 1887 में अनंत चतुर्दशी के दिन हुआ था. 1946 में जब पन्त जी दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो अनंत चतुर्दशी 10 सितम्बर के दिन थी. तभी से गोविन्द बल्लभ पन्त का जन्मदिन 10 सितम्बर को मनाया जाने लगा. (Govind Vallabh Pant’s Childhood)

पन्त का जन्म अल्मोड़ा मुख्यालय से 50 किमी की दूरी पर स्थित खूंट नामक गांव में हुआ था. खूंट गांव दो पहाड़ियों पर स्थित है जहां आज पन्त के जन्म स्थान वाले भवन का केवल खंडहर स्थित है. (Govind Vallabh Pant’s Childhood)

 गोविन्द वल्लभ पन्त के पिता मनोरथ पन्त का संबंध जयदेव पन्त की वंशावली से है. वह कुमाऊं के पन्तों की सत्रहवीं पीढ़ी से संबंधित थे.

मनोरथ पन्त का जन्म अल्मोड़ा के सदर अली बद्रीदत्त पन्त की बेटी गोविन्दी से दस साल की उम्र में ही हो गया. बद्रीदत्त जोशी अल्मोड़ा के प्रतिष्ठित लोगों में थे. बद्रीदत्त जोशी को रैमजे का दांया हाथ माना जाता था.

विवाह के बाद मनोरथ पन्त बद्रीदत्त जोशी के घर ही चले आये. उनकी पढ़ाई लिखाई बद्रीदत्त जोशी के घर पर ही हुई. बाद में बद्रीदत्त जोशी ने ही उन्हें राजस्व विभाग में नौकरी में लगा दिया. गोविन्द वल्लभ का लालन-पालन भी उनके नाना बद्रीदत्त जोशी के अल्मोड़ा स्थित घर में हुआ था.  

पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त की शिक्षा-दीक्षा अल्मोड़े के रैमजे कालेज में ही हुई. यहां उनकी पहली मुलाकात भी विवेकानंद से हुई. अल्मोड़ा में गोविन्द वल्लभ पन्त के सबसे करीबी उनके मामा देवीदत्त पन्त थे.

बद्रीदत्त जोशी के उस समय अल्मोड़ा में बड़ा रुतबा हुआ करता. हर शाम उनके घर में बड़े-बड़े लोग आते और न जाने कितने विषयों पर चर्चा होती, शास्त्रीय संगीत चलता था. अपने नाना के रहन-सहन का पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त के जीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ा.

पन्त जी जब छोटे से थे तो बहुत कम बोलते थे और सभी से अलग-थलग रहते थे. इसीकारण उनके नाना उन्हें बचपन में प्यार से थकुवा कहते थे. पन्त रोज बचपन में घर के पास स्थित नौले में नहाने जाते और फिर अस्तबल से घोड़ा निकालकर तिरोड़ी जंगल घुमने चले जाते. पन्त जी ने रैमजे कालेज के प्राइमरी सैक्शन में 1895 में प्रवेश लिया. आठवीं कक्षा पास करने के बाद उन्हें हर महीने आठ आना बतौर वजीफ़ा मिलता था. 1905 में पन्त ने रैमजे कालेज से बारहवीं कक्षा पास की और इलाहाबाद चले गये.

अल्मोड़ा में पन्त से जुड़ी कुछ तस्वीरें देखिये :

खूंट गांव में मौजूद पन्त का जन्म भवन वर्तमान में.
बचपन में गोविन्द बल्लभ पन्त.
गोविन्द वल्लभ पन्त के पिता मनोरथ पन्त.
गोविन्द बल्लभ पन्त के नाना बद्रीदत जोशी
गोविन्द वल्लभ पन्त के मामा देवीदत्त जोशी
अल्मोड़ा में बद्रीदत्त जोशी का घर.
रैमजे कालेज में मौजूद स्कालरशिप रजिस्टर में गोविन्द वल्लभ पन्त का नाम.
युवा गोविन्द वल्लभ.

सभी तस्वीरें और जानकारी फिल्म डिवीजन द्वारा बनाई गयी फिल्म पर्वत पुत्र ( सन ऑफ़ माउन्टेन ) से साभार.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

View Comments

  • ज बहुत ही बढ़िया जानकारी दी अपने। धन्यवाद 😊

  • छवियों का संकलन रोचक है .

    निम्न पंक्ति में संशोधन की आवश्यकता है --

    मनोरथ पन्त का जन्म अल्मोड़ा के सदर अली बद्रीदत्त पन्त की बेटी गोविन्दी से दस साल की उम्र में ही हो गया.

    संभावित संशोधन ---

    मनोरथ पन्त का विवाह अल्मोड़ा के सदर अली बद्रीदत्त जोशी की बेटी गोविन्दी से दस साल की उम्र में ही हो गया.

    एवम्

    निम्न पंक्ति में संशोधन की आवश्यकता है --

    अल्मोड़ा में गोविन्द वल्लभ पन्त के सबसे करीबी उनके मामा देवीदत्त पन्त थे.

    अल्मोड़ा में गोविन्द वल्लभ पन्त के सबसे करीबी उनके मामा देवीदत्त जोशी थे.

    छवियों का संकलन रोचक है . धन्यवाद

    -गोविन्द गोपाल

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

1 week ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

1 week ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago