उत्तराखंड अनूठी परंपराओं को मानने वाला राज्य है, यहां के लोग आज भी सदियों से चली आ रही मान्यताओं और रीतियों को यहां होने वाले विभिन्न त्यौहारों के माध्यम से पूर्ण करते हैं. उत्तरायणी से शुरू होने वाला लोक पर्वों का यह सिलसिला लगभग पूरे साल ही चलता है. इसी क्रम में उत्तराखंड की सीमा से लगे पिथौरागढ़ जिला जो कि तिब्बत और नेपाल की सीमा से लगे होने के कारण विविधताओं से भरा है उसमें एक अनूठा पर्व मनाया जाता है जिसे हिलजात्रा के नाम से जाना जाता है.
(Photos of Hiljatra 2023)
यह अनूठा इसलिए है कि इसमें स्थानीय लोग अपने चेहरे पर मास्क लगा का इस पर्व को मनाते हैं. मास्क अलग-अलग पात्रों के अनुसार प्राचीन समय से ही चले आ रहे हैं. वैसे तो हिलजात्रा पिथौरागढ़ के आस-पास के कई गांवों में मनाई जाती है पर इन सबमें कुमौड़ की हिलजात्रा कुछ खास भी है और इन सबसे अलग भी क्योंकि इसमें लखिया भूत जिसे स्थानीय लोग लखिया बाबा भी बोलते हैं वो एक व्यक्ति पर अवतरित होते हैं जिसके चेहरे पर जो मास्क होता है वो सबसे अलग और लखिया भूत के चेहरे का मास्क होता है जो कई सदियों से उसी रूप में बना हुआ है. कई वर्षों से यहां के लोग उनको मानते हुए आ रहें हैं वह उनकी आस्था के प्रतीक हैं.
हिलजात्रा का आयोजन शाम के समय ही होता है पर इसमें भाग लेने वाले कलाकार सुबह से ही इस पर्व की तैयारियों में मशगूल हो जाते हैं. छोटे-छोटे बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है वो इन पात्रों का जीवंत अभिनय करते देखे जा सकते हैं. यह एक तरह का मास्क डांस फॉर्म भी है जो उत्तराखंड में होने वाले त्यौहारों और परंपराओं में बेहद विशेष है किन्तु अभी तक इसको पर्यटन से जोड़ने के कुछ खास प्रयास नहीं हुए हैं. जिस तरह से लद्दाख में मास्क डांस को लेकर पूरा फेस्टीवल आयोजित होता है विशेष रूप से पर्यटन के लिए उसी तरह हिलजात्रा को पर्यटन में विशेष स्थान मिलना चाहिए.
(Photos of Hiljatra 2023)
लखिया भूत को हजारों लोगों से भरे पड़े कुमौड़ के इस मैदान में नाचते देखना अपने आप में एक अदभुत अनुभव है. पिछली बार 2013 में मैंने पहली बार इस इवेंट को कवर किया था तब तक में फिल्म रोल ही इस्तेमाल कर रहा था. लंबे समय से दुबारा हिलजात्रा को फोटोग्राफ़ करने की इच्छा थी जो इस साल पूरी हुई वो भी दो-दो हिलजात्रा के साथ एक कुमौड़ की और दूसरी बजेटी की. यहां देखिए इस साल इसी महीने 3 और 4 सितंबर 2023 को संपन्न हुई बजेटी और कुमौड़ पिथौरागढ़ की हिलजात्राओं के फोटोग्राफ्स.
(Photos of Hiljatra 2023)
जयमित्र सिंह बिष्ट
अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.
इसे भी पढ़ें: आजकल बिनसर के जंगल की खुशबू लेना अमृतपान करने जैसा है
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…