सिनेमा

मां की ठोस यादों से भरा कुमाऊनी गीत “पलना”

अपने जीवन में स्त्री एक साथ कई किरदारों से होकर गुजरती है जिसमें मां का किरदार सबसे मयाला है. एक स्त्री अपने बच्चे को अपना सबकुछ दे देना चाहती है फिर कैसी भी परिस्थितियां हो. पहाड़ की स्त्री का जीवन और संघर्ष एक दूसरे के पूरक हैं. इन कठोर परिस्थितियों में बच्चे का लालन-पालन किसी परीक्षा से कम नहीं. पहाड़ में पले-बड़े बच्चों की आँखों में अपनी मां के संघर्ष की कुछ छवियाँ कैद रहती हैं जो जीवन भर उसके साथ रहती है.
(Palna Kumaoni Song)

पहाड़ के बच्चों के साथ अक्सर मां की यादों का केवल सुखद अंत जीवनभर रहता है. अक्ल आने पर वह इन यादों के आगे-पीछे के कठिन संघर्ष को बच्चा समझता है और बुनता है अनेक कहानियां. पहाड़ की एक मां और बच्चे की ऐसी ही याद को मशक्बीन के युवा साथियों ने कैमरे पर उतारा है. युवा गायक दिग्विजय की मधुर आवाज में इस गीत को शब्द लवराज ने दिये हैं. अपने काम में हमेशा नयेपन की ख़ोज में रहने वाले लवराज ने इस वीडियो को निर्देशित भी किया है.
(Palna Kumaoni Song)

इस छोटे से गीत से बचपन की एक ठोस याद ताजा हो जाती है जो कही तो पहाड़ी परिवेश में गयी है लेकिन यह दुनिया की सभी मांओं की कहानी है जो अपने बच्चों की इच्छाओं को पूरा करने के लिये सबकुछ दे देती हैं. एक मां के गीतों में उसके बच्चे के लिये स्नेह को बेहतरीन ढंग से न केवल कहा गया है बल्कि फिल्माया भी गया है. कुमाऊनी में बन रहे कान-फोड़ू और फूहड़ संगीत के बीच युवाओं की इस सजग कोशिश को सराहा जाना चाहिये. मशक्बीन के युवा साथियों की इस मधुर पहल में एक नई उम्मीद नज़र आती है. इस गीत के बोल कुछ इस तरह हैं:
(Palna Kumaoni Song)

पलना झुलोली इजा बाला तू से जा
खेल खिलौना सब सवीन मा ले जा
निनुरी आंखो मा तू लाटा की ए जा
निनुरी आंखो मा तू लाटा की ए जा
पलना झुलोली इजा बाला तू से जा

निनूरी मा आली तेरी राजकुमारी
दूध सी सित्याली प्यारी राजदुलारी
जुन्याली पंख मा तू नाना को ले जा
जुन्याली पंख मा तू नाना को ले जा
निनुरी आंखो मा तू लाटा की ए जा
पलना झुलोली इजा बाला तू से जा
खेल खिलौना सब सवीन मा ले जा

काफल ट्री फाउंडेशन

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

उत्तराखण्ड : धधकते जंगल, सुलगते सवाल

-अशोक पाण्डे पहाड़ों में आग धधकी हुई है. अकेले कुमाऊँ में पांच सौ से अधिक…

4 hours ago

अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन

हिमालय पहाड़ पर अल्मोड़ा नाम की एक बस्ती है. उसमें एक बड़े मियाँ रहते थे.…

6 hours ago

नीचे के कपड़े : अमृता प्रीतम

जिसके मन की पीड़ा को लेकर मैंने कहानी लिखी थी ‘नीचे के कपड़े’ उसका नाम…

7 hours ago

रबिंद्रनाथ टैगोर की कहानी: तोता

एक था तोता. वह बड़ा मूर्ख था. गाता तो था, पर शास्त्र नहीं पढ़ता था.…

21 hours ago

यम और नचिकेता की कथा

https://www.youtube.com/embed/sGts_iy4Pqk Mindfit GROWTH ये कहानी है कठोपनिषद की ! इसके अनुसार ऋषि वाज्श्र्वा, जो कि…

2 days ago

अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण

-कमल कुमार जोशी समुद्र-सतह से 12,073 फुट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ को संसार में…

2 days ago