उत्तराखण्ड के जाने-माने लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी को संगीत नाटक अकादमी द्वारा पुरस्कृत करने के लिए चुना गया है. उत्तराखण्ड में संगीत के क्षेत्र में साल 2018 के अकादमी पुरस्कार नरेन्द्र सिंह नेगी को दिया जायेगा. यह पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा एक समोराह में दिया जाता है.
आज संगीत नाटक द्वारा वर्ष 2018 के लिए अकादमी रत्न और अकादमी पुरस्कार की घोषणा की गयी.
जाकिर हुसैन, सोनल मानसिंह, के. कल्याणसुन्दरम और जतिन गोस्वामी को संगीत रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया, इसे संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप भी कहा जाता है.
इसके अलावा 44 कलाकारों को कला के क्षेत्र में योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार दिया जाता है. यह पुरस्कार संगीत की विभिन्न विधाओं, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक गीत-संगीत, नृत्य, नाटक, कठपुतली नाचने आदि के लिए दिया जाता है.
संगीत, नाटक और नृत्यकला को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से संगीत नाटक अकादमी की स्थापना वर्ष 1953 में की गयी. 1961 में इसे भंग क्र दिया गया और इसका पुनर्गठन किया गया.
अकादमी की 48 सदस्यीय महापरिषद हर साल इन पुरस्कारों के लिए कलाकारों का चयन करती है. यह पुरस्कार हर साल संगीत, नृत्य और नाटक के क्षेत्र में विशिष्ट कलाकारों को दिए जाते हैं.
नरेन्द्र सिंह नेगी को यह पुरस्कार दिया जाना राज्य के लिए गौरव का विषय है. नरेन्द्र सिंह नेगी स्तरीय लोक संगीत के लिए उत्तराखण्ड के जनमानस में अपनी विशेष जगह रखते हैं.
12 अगस्त को उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के पौड़ी में जन्मे नरेन्द्र सिंह नेगी की संगीत यात्रा में राज्य के जनमानस की भी यात्रा दिखाई पड़ती है. बुरांश अल्बम से अपने संगीतमय सफ़र की शुरुआत करने वाले नरेन्द्र सिंह नेगी अब तक हजारों लोकगीत गा चुके हैं. वे बेहतरीन गायक, संगीतकार और गीतकार भी हैं. इसके अलावा वे कई किताबें भी लिख चुके हैं.
नेगी अपने सामाजिक व राजनीतिक गीतों के लिए विशेष तौर पर जाने जाते हैं. वे गढ़वाल और कुमाऊं दोनों भाषा-भाषियों के प्रिय हैं.
-सुधीर कुमार
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