पिछले साल कोरोना महामारी के चलते नानकमत्ता का दीपावली मेला अपने इतिहास में शायद पहली बार नहीं लग पाया था. इस साल प्रशासन ने मेला लगाने की इजाजत दी जिसके कारण लोगों में उत्साह अधिक है. 8-10 दिन तक चलने वाले इस मेले में विभिन्न राज्यों से लोग न सिर्फ मेले का लुत्फ उठाने आते हैं बल्कि गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब में मत्था टेक अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अरदास भी करते हैं.
(Nankamatta Diwali Mela 2021)
उत्तराखंड का ऊधम सिंह नगर एक कृषि प्रधान ज़िला है और दीपावली के समय ही यहाँ का किसान अपने धान की फसल की कटाई व बिक्री करता है. फसल से हुई आय के एक बड़े हिस्से को गाँव का किसान वर्ग अपनी साल भर की जरूरतों की पूर्ति के लिए रखता है. नानकमत्ता का दीपावली मेला वर्षों से किसानों को एक प्लेटफॉर्म देता आ रहा है जहाँ से वह अपनी जरूरतों का सामान थोक के भाव खरीद कर साल भर के लिए निश्चिंत हो जाते हैं. मेले में घर की जरूरतों का हर सामान मिल जाता है. सिलबट्टे में पिसे मसालों से महरूम शहरी लोग मिक्सी पर निर्भर हो गए हैं लेकिन गाँव का किसान वर्ग आज भी सिलबट्टे की तलाश में मेलों का ही रुख करता है.
प्रतिवर्ष अक्टूबर-नवम्बर के शुरुआती जाड़े में लगने वाले इस मेले से लोग अपने घरों के लिए रजाई-गद्दे व गर्म कपड़ों की खरीदारी करते हैं. साथ ही रसोई व किसानी में इस्तेमाल होने वाले तमाम बर्तनों व औजारों को भी कृषक परिवार मेले से कम दाम में खरीदकर बाजार के मुकाबले अच्छा खासा पैसा बचा लेते हैं. मनोरंजन के लिहाज से भी यह मेला बच्चों व युवाओं को खूब भाता है. झूले, सर्कस, मौत का कुआँ जैसे तमाम मनोरंजन के साधन मेले में हमेशा कौतुहल का केंद्र बने रहते हैं.
(Nankamatta Diwali Mela 2021)
गुरू नानक देव की यह नगरी सिक्खों की आस्था का बड़ा केंद्र है. सिक्खों के साथ ही विभिन्न धर्मों के श्रद्धालु गुरुद्वारा में मत्था टेकने व लंगर में प्रसादा ग्रहण करने लाखों की संख्या में आते हैं. अमावस्या से लेकर अगले कुछ दिनों तक पूरा गुरुद्वारा परिसर रंग बिरंगी झालरों से रोशन रहता है. गुरुद्वारा के पास ही बाउली साहिब है जहाँ श्रद्धालु नौकायान का लुत्फ उठाते व लबालब पानी से भरे डैम की खूबसूरती को अपने कैमरे में कैद करते नजर आते हैं. कुल मिलाकर नानकमत्ता साहिब का दीपावली मेला श्रद्धा, आस्था, जरूरतों की पूर्ति व मनोरंजन का समागम है.
(Nankamatta Diwali Mela 2021)
–कमलेश जोशी
नानकमत्ता (ऊधम सिंह नगर) के रहने वाले कमलेश जोशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक व भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्ध संस्थान (IITTM), ग्वालियर से MBA किया है. वर्तमान में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग में शोध छात्र हैं.
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