नैनी झील को संवारने की कवायद

मंडलायुक्त राजीव रौतेला ने पर्यटक नगरी की खूबसूरत नैनीझील को नये सिरे से संरक्षित एवं विकसित करने के लिये प्राधिकरण सभागार में झील सुरक्षा समिति की बैठक ली . इस दौरान 35 करोड़ 14 लाख के प्रस्ताव का विस्तृत डाटा प्रजेंटेशन वैकल्पिक जल उर्जा केन्द्र के प्राध्यापक डॉ अरूण कुमार द्वारा किया गया. नैनीताल के संरक्षण एवं विकास के लिये वैकल्पिक जल उर्जा केन्द्र भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान रूड़की की मदद से विस्तृत कार्ययोजना बनवाई गयी है. मंडलायुक्त ने इस प्रस्ताव पर अपनी राय एवं सुझाव 10 दिन के भीतर संबंधित विभागों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. ताकि प्राप्त सुझावों को आईआईटी रूड़की भेजकर आवश्यक संशोधन कराने के बाद  प्रस्ताव सरकार को भेजा जा सके.

नैनी झील की सुन्दरता, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात है. चारों ओर से घिरे पर्वतों के बीच स्थित नैसर्गिंक सौन्दर्य से परीपूर्ण यह झील लगभग 50 वर्ष पुरानी है. मौजूदा दौर में झील का गिरता जलस्तर चिन्ता का विषय है. भरपूर मानसून सीजन होने के बावजूद भी झील में निर्धारित मानके के अनुरूप जलसंग्रह न हो पाना भी चिन्ता का विषय बना हुआ है. बैठक में मंडलायुक्त कहा कि नैनीझील का निर्धारित जलस्तर बनाये रखने के लिये जन सहभागिता एक बेहतर कदम साबित हो सकता है. साथ ही झील से पानी का दोहन कम करना होगा. झील के माध्यम से हो रही पेयजल आपूर्ति के लीकेज को रोकने के लिये भी सख्त कदम उठाने होंगे.

जलसंस्थान की पेयजल लाइनों के अलावा दफ्तरों, स्कूलो, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों व घरों में भी पानी की लीकेज को रोकने के लिए मंडलायुक्त ने अधिकारियों को युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए है. इस पर जिलाधिकारी विनोद कुमार ने जलसंस्थान के माध्यम से एक विशेष अभियान संचालित करायें का अभी सुझाव दिया ताकि सही मायनों में इस प्रयास को अमलीजामा पहनाया जा सकें. इस बात पर भी चर्चा की गयी कि वर्षा से आने वाला पानी सीवरेज लाइनों से जोड़ दिया गया है जबकि यह पानी सीधे नालों के माध्यम से झील में जाना था, इस बात पर मंडलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुये  तत्काल जलसंस्थान को ऐसे  कनेक्शन को अलग करने को कहा. ताकि वर्षा का पानी सीधे झील में ही जाये. 

इस बैठक में पर्यावरणविद डा0 अजय रावत, प्रसिद्ध छायाकार अनूप साह, वरिष्ठ पत्रकार राजीव लोचन साह, सेवानिवृत्त प्राध्यापक पीके पांडे, डा0 आरपी ओजाश्री, जीएल साह, गोपाल रावत, अजय सिंह रावत, शिवकुमार राय, के अलावा सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता सिंचाई डीसी सिंह, सचिव एवं अधिशासी अभियंता लोक निर्माण सीएस नेगी, डा0 एमपी शर्मा, अधिशासी अभियंता जलसंस्थान बीसी पाल, अधीक्षण अभियंता सिंचाई नरेन्द्र सिंह पतियाल, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका रोहिताश शर्मा, अधीक्षण अभियंता पेयजल निगम डीएस कुटियाल, एसके पंत, डीएफओ टीआर बिजूलाल आदि मौजूद थे.
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