समाज

पिथौरागढ़ में लाउडन फोर्ट और अल्मोड़ा में फोर्ट मोयरा का नामकरण कैसे हुआ

1815 में गोरखों को पराजित कर अंग्रेजी शासन की नींव उत्तराखण्ड में रख दी गई. गोरखा-ब्रिटिश युद्ध 1814 से 1816 के मध्य चला तथा इस युद्ध के समय भारत के गवर्नर जनरल फ्रैंसिस रॉडन हेस्टिंग्स था जो इस पद पर 1813 से 1823  तक रहा. हेस्टिंग्स द्वितीय अर्ल ऑफ  मोयरा (Earl Of Moira) था. अतः हेस्टिंग्स को प्रसन्न करने के लिए ही अल्मोड़ा के लाल मण्डी किले का नाम फोर्ट मोयरा रखा गया. हेस्टिंग्स की पत्नी फ्लोरा म्यूर कैम्पबेल काउन्टेस ऑफ लाउडन (Earl Of Loudoun) थी. क्योंकि पांचवे अर्ल ऑफ लाउडन की एकमात्र सन्तान फ्लोरा थी अतः उसे लाउडन की काउंटेस बनाया गया. इस कारण लॉर्ड हेस्टिंग्स दोनों ही क्षेत्रों के अर्ल बन गये थे. अतः पिथौरागढ़ के किले का नाम भी फोर्ट लाउडन रखा गया. Loudon & Moira Fort Uttarakhand

मोयरा आयरलैण्ड में एक पैरिश है. जबकि लाउडन पूर्वी आयरशायर स्कॉटलैंड में एक सिविल पैरिश है, पैरिश ईसाई साम्प्रदायिक क्षेत्रीय इकाई को कहते है. उत्तराखण्ड में इन किलों के नाम युद्धनायक जनरल जेस्पर निकोल्स ने हेस्टिंग्स को प्रसन्न करने के लिए रखे. यह भी जान लें कि जेस्पर निकोल्स अब तक का सबसे युवा जनरल हैं जो 34 वर्ष की आयु में सेना का क़वाटर मास्टर जनरल बना था. Loudon & Moira Fort Uttarakhand

यहां एक अन्य बात भी बताना अनिवार्य है कि हैस्टिंग्स ने 1792 ऑन्टेरियो कनाडा में मिडलैण्ड डिस्ट्रिक्ट नाम से एक काउंटी बनाई थी. जिसे अब हैस्टिंग्स काउंटी नाम से जाना जाता है तथा यहां बहने वाली नदी का नाम भी मोयरा नदी रखा गया है.  हेस्टिंग्स एकमात्र गवर्नर है जिनकी निजी डायरी छपी है. उत्तराखण्ड के इतिहास पर कार्य करने वाले व्यक्ति इसे archive.org से प्राप्त कर सकते हैं. यह महत्वपूर्ण साबित होगी. Loudon & Moira Fort Uttarakhand

स्त्रोत

हेस्टिंग्स कॉउंटी लिंक     https://en.m.wikipedia.org/wiki/Hastings_County
मायरा लिंक                  https://en.m.wikipedia.org/wiki/Moira,_County_Down
पैरिश लिंक                   https://en.m.wikipedia.org/wiki/Parish
अर्ल ऑफ लाउडन लिंक        https://en.m.wikipedia.org/wiki/Earl_of_Loudoun
हेस्टिंग्स लिंक           https://en.m.wikipedia.org/wiki/Francis_Rawdon-Hastings,_1st_Marquess_of_Hastings

– भगवान सिंह धामी

मूल रूप से धारचूला तहसील के सीमान्त गांव स्यांकुरी के भगवान सिंह धामीकी 12वीं से लेकर स्नातक, मास्टरी बीएड सब पिथौरागढ़ में रहकर सम्पन्न हुई. वर्तमान में सचिवालय में कार्यरत भगवान सिंह इससे पहले पिथौरागढ में सामान्य अध्ययन की कोचिंग कराते थे. भगवान सिंह उत्तराखण्ड ज्ञानकोष नाम से ब्लाग लिखते हैं.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

2 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

3 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

4 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

4 days ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

4 days ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

1 week ago