कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के चलते लगातार दूसरे वर्ष भी कांवड़ यात्रा नहीं होगी. इस संबंध में जानकारी साझा करते हुये उत्तराखंड पुलिस ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है –
(Kanwar Yatra 2021)
कांवड़ श्रद्धालुओं से अनुरोध की कोरोना के चलते कृपया इस बार हरिद्वार न आए. अपने-अपने स्थान के शिवालयों में ही शिवरात्रि पर जल चढ़ाएं. कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत हुए इस वर्ष होने वाली कांवड़ यात्रा को स्थगित किया गया है क्योंकि कांवड यात्रा में करोड़ो की संख्या में कावड़िये हरिद्वार आते हैं, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के निर्देशों का पालन संभव नही है. इसलिए इस बार कांवड़ यात्रियों को हरिद्वार आने की अनुमति नहीं है.
मुख्य सचिव ओमप्रकाश के निर्देश के बाद शहरी विकास विभाग ने कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित करने के आदेश दिए. शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली ने सरकार के इस निर्णय की पुष्टि भी कर दी है. शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि कोविड 19 को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय किया है और इसके विधिवत आदेश जारी कर दिए गए हैं.
(Kanwar Yatra 2021)
हाईकोर्ट ने बीते सोमवार को उत्तराखंड में 01 जुलाई से शुरू होने जा रही चार धाम यात्रा पर रोक लगा दी थी. इस फैसले के बाद सरकार सुरक्षात्मक मूड में आ गई है.
हर साल सावन के महीने में बड़ी तादाद में शिवभक्त उत्तराखंड में गोमुख, देवप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार आकर गंगाजल ले जाते हैं. 2021 में सावन का महीना 25 जुलाई से शुरु हो रहा है जो 22 अगस्त तक होगा. अनुमान के मुताबिक, हर सावन में लगने वाले कांवड़ मेले में 500 करोड़ रुपए का कारोबार होता है. जिसमें हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से कांवड़िये हरिद्वार पहुंचते हैं. हरिद्वार से गंगा जल भरकर ऋषिकेश होते हुए नीलकंठ मंदिर में जलाभिषेक किया जाता है
(Kanwar Yatra 2021)
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…