उत्तराखंड के सबसे प्रतिभावान फोटोग्राफर में एक नाम कमल जोशी है. कमल जोशी ने जीवन भर कुमाऊं गढ़वाल के पहाड़ों में घूम कर पहाड़ के जीवन की पीड़ा अपने कैमरे में कैद की. कुछ वर्ष पहले कमल की आकस्मिक मृत्यु के कारण समूचा उत्तराखंड स्तब्ध रह गया था. कमल अपने पीछे अपने काम का एक बड़ा जखीरा छोड़ गए जिसमें असंख्य फोटोग्राफ और स्लाइड्स के अलावा उनका बहुत सारा लेखन शामिल है. कमल जोशी के यात्रा वृत्तांतों का संकलन एक पुस्तक ‘चल मेरे पिठ्ठू दुनिया देखें’ के रूप में प्रकाशित किया गया.
(Uttarakhand Women Hardwork Photos)
पहाड़ में वर्षों से घर-बाहर का कारोबार महिलाओं के हाथ में है. यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि पहाड़ में जो भी आज बचा है इन महिलाओं के श्रम के बल पर ही बचा है फिर चाहे वह पहाड़ के खेत हों या पहाड़ के घरों के आंगन.
पहाड़ के आंगन और खेतों में जहां भी आज खुशहाली है वहां मौजूद है इन महिलाओं का अथाह श्रम. न जाने कितने कष्टों के बावजूद अपनी मुस्कान और अपने श्रम से सींचकर ही पहाड़ की महिलाओं ने अपने गांव आबाद रखे हैं.
आज हम आपको कमल जोशी के कैमरे से पहाड़ की महिलाओं का जीवन दिखा रहे हैं. कमल जोशी के कैमरे से पहाड़ की महिलाओं के श्रम पर यह फोटो निबंध देखिये :
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जोशी जी की Photography बहुत सम्वेदनशील और आति सुन्दर है। मन करता है कि तुरंत पहाड़ का रुख किया जाय।