हल्दवानी के एमबीपीजी मैदान में इस समय जोहार महोत्सव चल रहा है. आज महोत्सव का दूसरा दिन है. (Johar Mahotsav Haldwani 2019)
महोत्सव के रंगारंग कार्यक्रमों की कड़ी में आज जोहारी बोली-भाषा पर आधारित क्विज प्रतियोगिता, बच्चों की फैंसी ड्रेस और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. शाम से जोहारी समाज के लोगों और लोकप्रिय गायकों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी.
जोहार महोत्सव में जैविक अनाज, मसलों और जड़ी बूटियों के कई स्टाल लगे हैं जहां लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं. यहां मुनस्यारी का मशहूर राजमा, दालें, जम्बू, गन्द्रयानी, काला जीरा, तिमूर आदि दिव्य दाल-मसाले मिल रहे हैं. मुनस्यारी में मेरा बचपन
मेले में जोहारी हस्तशिल्प, हथकरघा उत्पाद और साहित्य के स्टाल भी लगे हैं. यहां बच्चों को शिक्षित-दीक्षित करने वाला लोकसाहित्य ख़ास तौर पर पसंद किया जा रहा है.
जोहारी खान-पान के स्टाल मेले का प्रमुख आकर्षण बने हुए हैं. स्थानीय व्यंजनों में भुमला, कुकला, सूखा, मीट, मछली और भुटवा आदि लोगों द्वारा डटकर खाया जा रहा है.
गौरतलब है कि इस मेले का आयोजन जोहारी समाज द्वारा विगत एक दशक से किये जा रहा है. जोहार सांस्कृतिक वेलफेयर सोसायटी द्वारा इस भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. मेले का आयोजन जोहारी संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन के उद्देश्य से किया जाता है. मेले के दौरान जैसे समूचा जोहार एक मैदान में उतर आता है. (Johar Mahotsav Haldwani 2019)
जोहार महोत्सव उत्तराखण्ड में मनाये जाने वाले प्रमुख पारंपरिक सांस्कृतिक मेलों में में से एक है. जोहारी समाज ही नहीं स्थानीय नागरिक भी इस कार्यक्रम को लेकर लगातार उत्सुक बने रहते हैं.
जोहार महोत्सव की पहले दिन की कुछ झलकियाँ देखिये इन तस्वीरों में. ये शानदार तस्वीरें हमें भेजी हैं नीरज सिंह पांगती और लोकेश पांगती ने.
लोकेश पांगती हल्द्वानी में रहते हैं. पेशे से पेंटर, ग्राफिक डिज़ाइनर और फिल्म मेकर हैं. उनसे pangtylokesh@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है.
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एंकरिंग, कविता, फोटोग्राफी और थिएटर का शौक रखने वाले नीरज सिंह पाँगती अल्मोड़ा के रहने वाले हैं.
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बहुत सुन्दर जानकारी उपलब्ध कराई गयी है