समाज

मासी: ऊंचे कैलास में खिलने वाला हिमालय के देवी-देवताओं का प्रिय फूल

मासी, रैमासी, जटामासी किसी भी नाम से पुकार लीजिये इसकी महक कम न होगी. पहाड़ के अनेक लोकगीतों में इसके फूल का रहस्यमयी अंदाज में जिक्र हुआ है. ऐसा फूल जो ऊंचे कैलास में फूलता है. ऐसा फूल जो महादेव को भाता है मासी, अल्पाइन हिमालय का एक फूल जिसे हिमालय के रहवासी अपने देवताओं को चढ़ाते हैं.  
(Jatamansi Masi Flower of Uttarakhand)

ऊंचे हिमालय के इस पौधे का फूल गीतों में अधिक महकता है. इसके जिस हिस्से का इस्तेमाल हम करते हैं वह है इसकी रेशेदार जड़. हालाँकि मध्य हिमालय में यह पौधा नहीं पाया जाता लेकिन अण्वालों द्वारा इसकी सुदंधित जड़ें बुग्यालों से लायी जाती रही हैं. कुछ और सुगन्धित जड़ों और पत्तियों के साथ मिला कर इसकी धूप बनाई जाती है और थोड़ा सा घी लगाकर जलते कोयलों पर रखी जाती है.

मासी का वैज्ञानिक नाम Nardostachys Jatamansi है. इस पौधे का औषधीय उपयोग का एक समृद्ध इतिहास है. इसे सदियों से आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धति में इसका उपयोग किया जाता है. पौधे के राइजोम्स का उपयोग आयुर्वेदिक प्रणाली में कड़वे टॉनिक के उत्तेजक के रूप में किया जाता है.
(Jatamansi Masi Flower of Uttarakhand)

पिथौरागढ़ की ब्यांस घाटी के ज्योलिंकोंग बुग्याल में लिया गया है. फोटो: विनोद उप्रेती

कहा जाता है कि हिस्टीरिया और मिर्गी के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जाता है. आयुर्वेद के जानकारों के अनुसार मासी के पौंधे की जड़ को चिकित्सकीय रूप से अनिद्रा और रक्त-संचार और मानसिक विकारों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया गया है. अब तक मांसी के पौधे के चिकित्सकीय उपयोग पर किसी भी प्रकार क्लिनिकल शोध नहीं किया गया है. इसी वजह से उपयोग का सुझाव भी नहीं दिया जाता है.   

अल्पाइन हिमालय में  तीन हजार मीटर से पांच हजार मीटर की ऊँचाई में पाया जाने वाला यह फूल उत्तराखंड के अलावा सिक्किम और नेपाल के हिमालयी क्षेत्रों में भी खूब होता है.चिकित्सकीय उपयोग के अतिरिक्त इसका उपयोग इत्र बनाने के लिये भी खूब किया जाता था. वर्तमान में इत्र के अतिरिक्त इसकी धूप भी बनाई जाती है.  
(Jatamansi Masi Flower of Uttarakhand)

विनोद उप्रेती

पिथौरागढ़ में रहने वाले विनोद उप्रेती शिक्षा के पेशे से जुड़े हैं. फोटोग्राफी का शौक रखने वाले विनोद ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों की अनेक यात्राएं की हैं और उनका गद्य बहुत सुन्दर है. विनोद को जानने वाले उनके आला दर्जे के सेन्स ऑफ़ ह्यूमर से वाकिफ हैं.

काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

5 days ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

6 days ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

6 days ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago

विसर्जन : रजनीश की कविता

देह तोड़ी है एक रिश्ते ने…   आख़िरी बूँद पानी का भी न दे पाया. आख़िरी…

2 weeks ago