जयमित्र सिंह बिष्ट

सावन के आखिरी सोमवार पर जागेश्वर धाम की तस्वीरें

समुद्र तल से 1,870 मी की ऊंचाई पर स्थित जागेश्वर मंदिर समूह का जिक्र स्कन्द पुराण के मानस खण्ड में भी है. अल्मोड़ा शहर से 37 किमी की दूरी पर स्थित जागेश्वर मंदिर समूह में कत्यूरीकाल, उत्तर कत्यूरीकाल एवं चंद्र काल के कुल 124 मंदिर हैं. माना जाता है कि जागेश्वर मंदिर समूह का निर्माण काल 9वीं से 13वीं सदी के मध्य का है.
(Jageshwar Mandir Almora Photos)

जागेश्वर मंदिर समूह का निर्माण पत्थर की बड़ी-बड़ी शिलाओं से किया गया है. मंदिर के दरवाजों की चौखटों में देवी देवताओं की प्रतिमायें लगी हुई हैं. इसके निर्माण में तांबे की चादरों और देवदार की लकड़ी का भी प्रयोग किया गया है.

जागेश्वर मंदिर समूह के अधिकांश उत्तर भारतीय नागर शैली में निर्मित हैं. जागेश्वर मंदिर समूह के बड़े मंदिरों में शिखर के ऊपर लकड़ी की छत भी लगाई जाती है. यह इस शिल्प की विशेषता है जिसे स्थानीय भाषा में इसे बिजौरा कहा जाता है.

जागेश्वर को हटकेश्वर और नागेश्वर के नाम से भी जाना जाता है. सावन के महीने में यहाँ पूरे माह मेला लगता. सावन के महीने में लोग दूर-दराज़ से आकर यहां पार्थिव पूजा करवाते हैं.
(Jageshwar Mandir Almora Photos)

जयमित्र सिंह बिष्ट

अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.

इसे भी पढ़ें: सोमेश्वर से धान की रोपाई की जीवंत तस्वीरें

काफल ट्री का फेसबुक पेज : Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

पहाड़ों में मत्स्य आखेट

गर्मियों का सीजन शुरू होते ही पहाड़ के गाड़-गधेरों में मछुआरें अक्सर दिखने शुरू हो…

15 hours ago

छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगानी के सफर में हम भी तेरे हमसफ़र हैं

पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी हम…

18 hours ago

स्वयं प्रकाश की कहानी: बलि

घनी हरियाली थी, जहां उसके बचपन का गाँव था. साल, शीशम, आम, कटहल और महुए…

2 days ago

सुदर्शन शाह बाड़ाहाट यानि उतरकाशी को बनाना चाहते थे राजधानी

-रामचन्द्र नौटियाल अंग्रेजों के रंवाईं परगने को अपने अधीन रखने की साजिश के चलते राजा…

2 days ago

उत्तराखण्ड : धधकते जंगल, सुलगते सवाल

-अशोक पाण्डे पहाड़ों में आग धधकी हुई है. अकेले कुमाऊँ में पांच सौ से अधिक…

3 days ago

अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन

हिमालय पहाड़ पर अल्मोड़ा नाम की एक बस्ती है. उसमें एक बड़े मियाँ रहते थे.…

3 days ago