अल्मोड़ा महोत्सव का कार्यक्रम प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा एक कार्यक्रम है जिसकी तैयारियाँ एक महीने से चल रही थीं पर इस कार्यक्रम की रुपरेखा तय करने में असमंजस की स्थिति उत्त्पन्न हो गई है.
प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों से सही तरीके से जानकारी नहीं ली गई है. आप लोगों ने देखा ही होगा कि स्थानीय कलाकारों को तव्वजो ना देना कितना बड़ा विवाद उत्त्पन्न करता है. इस महोत्सव की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए स्थानीय कलाकार लोग धरने पर भी बैठे थे.
जिन लोगों ने वर्षों तक पुराने और भव्य अल्मोड़ा शरदोत्सव का कार्यक्रम कराया था उन लोगों से प्रशासन ने सही तरीके से जानकारी नहीं ली.
मैं संजय वर्मा (टेनी) जोहार बाजार, अल्मोड़ा निवासी अपनी मोटर साईकिल से भारत भ्रमण कर चुका हूँ और 29 राज्यों का सफ़र करके भारत के ऐतिहासिक स्थानों को, संस्कृति को देखकर मैंने सफ़र को पूरा किया.
15 अगस्त को शहर में जो कार्यक्रम होते थे उन कार्यक्रमों में लगातार तीन साल तक मोटर साइकिल स्टंट का कार्यक्रम दिखाकर मुझे लोगों का भरपूर प्यार मिला. पर आज तक किसी ने भी मुझ जैसे छोटे कलाकार को भी नजरअंदाज नहीं किया था जैसा इस बार किया गया. इसके अलावा हमारे शहर के कुछ जाने–माने माउन्टेन बाइकर्स से भी सही ढंग से कोई जानकारी नहीं ली गयी.
सवाल है कि एक दो लोगों से जानकारी लेते समय क्या उन लोगों से भी पूछा गया कि आप लोगों की नजरों में कोई अन्य कलाकार है या कि कोई अन्य व्यक्ति भी अपनी प्रतिभा को दर्शाना चाहता है.
पर ऐसा कुछ नहीं हुआ.
संजय वर्मा (टेनी)
जोहार बाजार, अल्मोड़ा
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