रविवार को रायपुर स्थित अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम में दो दिनी उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. त्तराखंड में जुटे देश-दुनिया के पूंजी निवेशकों और बिजनेस लीडर्स को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में अलग ही स्प्रिचुअल इको जोन (एसइजेड) है. इस एसइजेड की ताकत किसी अन्य सेज से लाखों गुना ज्यादा है.
राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे राज्यों की क्षमता दुनिया के कई छोटे देशों से ज्यादा है, यदि राज्य अपनी क्षमता को पहचानकर आगे बढ़े और सपना देखे तो देश की विकास यात्रा और साथ ही उसे ताकत बनने से रोका नहीं जा सकता.
पीएम मोदी ने कहा हमारा इंफ्रास्ट्रचर सेक्टर रिकार्ड गति से आगे बढ़ रहा है. भारत में 10 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण हुआ. भारत में हर दिन 27 किलोमीटर निर्माण हो रहा है. नवीकरण उर्जा के विषय में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा का लीडर बन जाएगा. इसमें सौर ऊर्जा का बड़ा योगदान होगा. हम चाहते हैं कि ऊर्जा जरूरतें पूरी हों तो साथ में पर्यावरण की सुरक्षा भी हो. उत्तराखंड में ऊर्जा संभावना इतनी है कि देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है. उन्होंने ‘वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रीन’ का नारा दिया.
पर्यटन की संभावनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन का एक पूरा पैकेज है. पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने से बहुत फायदा होगा. उन्होंने उत्तराखंड को आर्गेनिक स्टेट बनाने पर एक बार फिर जोर दिया.
प्रधानमंत्री के अलावा इन्वेस्टर्स समिट में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अमूल के एमडी आरएस सोढ़ी, अडानी ग्रुप के प्रणव अडानी, आइटीसी के संजीव पुरी, चेक गणराज्य के राजदूत मिलन होवोरका, जापान के राजदूत केंजी हिरमात्सु, जिंदल ग्रुप के सज्जन जिंदल, पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण, महिंद्रा ग्रुप के एमडी पवन कुमार गोयनका, सिंगापुर के सूचना प्रसारण मंत्री एस ईश्वरन, सीआइआइ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी, ने विचार व्यक्त किए.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पर्यटन की मुहिम को गति देने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई ’13 डिस्ट्रक्ट्स-13 न्यू डेस्टिनेशन’ योजना का जिक्र के करते हुए बताया कि इस योजना के तहत सभी जिलों में थीम के आधार पर एक-एक पर्यटक स्थल को विकसित किया जाएगा. इसके लिए थीम का निर्धारण कर दिया गया है, जिसमें आध्यात्म, हिमालय दर्शन, वाटर स्पोट्र्स, जलक्रीड़ा, ईको टूरिज्म मुख्य हैं. इसके लिए स्थलों का निर्धारण भी हो चुका है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने अपने भाषण में कहा कि रिलायंस जियो अगले दो साल में उत्तराखंड के 2,385 से अधिक स्कूलों को उच्च गति इंटरनेट से जोड़ेगा. इसके लिए रिलाइंस उत्तराखंड में चार हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा. इसका उद्देश्य से कि उत्तराखंड को ‘डिजिटल देवभूमि’ बनाना है.
यह समिट दो दिनों तक चलेगा. दो दिनों में इसमें 12 सत्र आयोजित किए जाएंगे. इनमें पर्यटन, ढांचागत सुविधा, निर्माण, फिल्म उद्योग, कृषि, औद्यानिकी, स्वास्थ्य, वेलनेस, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग विषयों पर विशेषज्ञ विचार रखेंगे. हर सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री अथवा विषय विशेषज्ञ करेंगे. इन्वेस्टर्स समिट के लिए कार्यक्रम स्थल में थीम पवेलियन बनाया गया है. इसमें 70 पांडाल लगाए गए हैं. इन पांडाल में उत्तराखंड के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गयी है.
इस समिट में 77 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद की जा रही है. सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों में निवेशक अपनी भागीदारी निभाएंगे. राज्य में तराई के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए न सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर बल्कि हॉस्पिटेलिटी, टूरिज्म, योगा, सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी निवेश लाने की कोशिश की जा रही है.
समिट की थीम ‘बेस्ट आफ उत्तराखंड’ थी, जिसमें आधुनिकता और पारंपरिकता के समावेश की झलक देखने को मिली. समिट के उद्घाटन पर प्रस्तुत ‘मांगल गीत’ में गढ़वाल, कुमाऊं और जौनसार के आंचलिक लोकजीवन की छवि दिखी. अतिथियों को भोजन में झंगोरे की खीर, कुमाऊंनी रायता, चैंसू, फाणा, अर्सा जैसे पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद भी चखाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अतिथियों को भेंट किए गये स्मृति चिह्न उत्तराखंड के हस्तशिल्प और हैंडलूम पर केंद्रित थे. इसमें सीमांत क्षेत्रों में तैयार होने वाले ऊनी शॉल, चारधाम की प्रतिकृति, तांबे व मैटल से बने उत्पाद और उत्तराखंड के पर्यटन, क्राफ्ट समेत अन्य विषयों पर केंद्रित पुस्तकें भी शामिल थी.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…