सिनेमा

त्रिमाला अधिकारी : नैनीताल से सिनेमा के रुपहले पर्दे तक

(नैनीताल से तल्ल्लुक रखने वाली त्रिमाला अधिकारी ने थिएटर से अभिनय की यात्रा शुरू की. ‘हंसा’ बड़े पर्दे पर उनकी पहली फ़िल्म थी. ‘हरामखोर,’ ‘भस्मासुर,’ ‘गार्बेज,’ जैसी फ़िल्मों में काम कर चुकी त्रिमाला ने कई बेहतरीन शॉर्ट मूवीज में शानदार अभिनय किया है. हूप डायरीज, अगली बार, संयोग, डोलियाँ, आफ्टरनून क्लाउड्स, अज्जी, हर फर्स्ट टाइम, मिज़ारू, शुरुआत का ट्विस्ट, जस्ट लाइक दैट, विंगमैंन, चलती रहे जिंदगी, ए मूवमेंट, द बिगिनिंग, टीअर, हैप्पी, कस्टडी आदि फ़िल्मों व शार्ट मूवीज में अभिनय करने के अलावा वे धारावाहिकों और मॉडलिंग करते भी दिखाई दी हैं. त्रिमाला अधिकारी की कई फिल्में प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए नामित और सम्मानित हुई हैं. प्रस्तुत है त्रिमाला से ‘काफल ट्री’ के लिए सुधीर कुमार की बातचीत के ख़ास हिस्से) (Indian Film Actress Trimala Adhikari)   

त्रिमाला अधिकारी का जन्म मल्लीताल, नैनीताल में हुआ. माता-पिता कुमाऊं मंडल विकास निगम में कार्यरत थे. शुरुआती शिक्षा-दीक्षा नैनीताल के ही सेंट मेरी कान्वेंट स्कूल में हुई. त्रिमाला को बचपन से ही कला के लिए एक दीवानगी थी, उनके दिमाग़ में साफ था कि उन्हें कला के क्षेत्र में ही अपना मुक़ाम हासिल करना है. हालांकि स्कूली जीवन में इस तरह के मौके कम ही थे, तो उन्होंने खेलों में जमकर हिस्सेदारी की. सेंट मेरी की एक अच्छी खिलाड़ी होने के साथ वे डांस में गहरी दिलचस्पी लेती थीं.

स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद त्रिमाला कत्थक का प्रशिक्षण हासिल करने के लिए दिल्ली चली आयीं. वे नृत्य के अपने जुनून को ही उच्च शिक्षा का मकसद बनाने का इरादा रखती थीं. उन्होंने ‘श्रीराम भारतीय कला केंद्र’ से कत्थक की डिग्री ली और अपना सारा ध्यान कत्थक सीखने में लगा दिया. इसी दौरान उनकी जिंदगी में वह दिलचस्प मोड़ आया, जिसने उनका मकसद ही बदल दिया.

त्रिमाला की बड़ी बहन ‘भारतीय फ़िल्म और टेलीविज़न संस्थान, पुणे में सिनेमा की छात्रा थी. अपने प्रशिक्षण के हिस्से के तौर पर उन्हें एक फ़िल्म का निर्माण करना था. पहाड़ की पृष्ठभूमि में बनने वाली इस फ़िल्म के लिए उन्हें त्रिमाला जंची. शुरुआती हिचक के बाद त्रिमाला ने उस फ़िल्म में काम करना तय किया और वे अपनी बहन के पास पुणे चली गयी. इस फ़िल्म में काम करने के दौरान त्रिमाला को सिनेमा मेकिंग के दिलचस्प पहलुओं को जानने समझने का मौका मिला. इस शानदार अनुभव के दौरान उन्होंने तय किया कि वे सिनेमा को ही अपनी ज़िंदगी बनाएंगी. उनकी बड़ी बहन सिनेमा की ही छात्रा थीं सो परिवार से उन्हें कोई प्रतिरोध नहीं मिला.

पुणे से लौटने के बाद त्रिमाला ने दिल्ली में ‘अस्मिता’ के साथ छः-सात महीने थिएटर किया और फिर मुम्बई की राह पकड़ ली. मुम्बई में उन्होंने मानव कौल के थिएटर ग्रुप ‘अरण्य’ के साथ नयी पारी शुरु की. इस दौरान उन्होंने ‘रेग,’ ‘फैक्ट थिएटर,’ ‘रंगबाज,’ और ‘टी पॉट’ आदि थिएटर ग्रुपों के लिए भी काम किया.

अरण्य के ‘मुमताज भाई पतंग वाले’ नाटक में अभिनय के लिए उन्हें ‘द महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड’ में बेस्ट सपोर्टिंग ऐक्ट्रेस चुना गया. यह भारत में रंगमंच के लिए आयोजित सबसे बड़ा पुरस्कार समारोह है. इसी दौरान त्रिमाला अधिकारी अपनी पहली फिल्म ‘हंसा’ की शूटिंग भी कर रही थी. हंसा उत्तराखण्ड की पृष्ठभूमि में मानव कौल द्वारा बनायी गयी फीचर फिल्म है. मुम्बई में दो साल जमकर थिएटर करने के बाद त्रिमाला को उनकी पहली फिल्म ‘हंसा’ मिली. इस दौरान उन्होंने थिएटर के अलावा विज्ञापन, टेलीविजन के भी कई प्रोजेक्ट किये. इसके साथ और मौकों की तलाश में ऑडिशन देने का सिलसिला भी चलता रहा.

जल्दी ही त्रिमाला अधिकारी को नवाजुद्दीन सिद्दीक़ी और श्वेता त्रिपाठी  के साथ फ़िल्म हरामखोर में काम करने का मौका मिला. फ़िल्म काफी चर्चा में रही. इसके बाद त्रिमाला कई शार्ट मूवीज में भी अभिनय करती रहीं हैं.

त्रिमाला की फ़िल्में आफ्टरनून क्लाउड्स और गार्बेज कांस फिल्म फेस्टिवल और बर्लिन इन्टरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के लिए नामांकित हुई. फ़िल्म गार्बेज में अभिनय के लिए मेलबोर्न फिल्म फेस्टिवल में त्रिमाला को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के तौर पर नामांकित भी किया गया.

फ़िल्म भस्मासुर में त्रिमाला ने एक दृश्य में अभिनय करने के अलावा कास्टिंग डाइरेक्टर समेत पर्दे के पीछे कई अन्य भूमिकाओं में भी काम किया. इस फिल्म को कई अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों में पुरस्कृत किया गया.

नैनीताल से त्रिमाला ने प्रकृति और लोगों से प्यार करना और उनकी परवाह करना सीखा. मुम्बई ने उन्हें मजबूत बनाया और अपने सपनों के लिए लड़ना सिखाया. जब भी उन्हें लगता है कि उनके भीतर की अच्छाई मर रही है तो वे पहाड़ों की तरफ लौट आती हैं. आज भी जब कभी उन्हें आराम और सुकून की तलाश होती है तो वे पहाड़ों की गोद में आसरा लेना पसंद करती हैं.  

जल्द ही त्रिमाला आने वाली फ़िल्मों के अलावा पैपोन के गाये एक कुमाऊनी गाने में अभिनय करती भी दिखेंगी.

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Sudhir Kumar

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