पिथौरागढ़ जिले के मंदिरों में चोरी की घटनायें लगातार बढ़ती जा रही हैं. अब खबर अस्कोट में सैनीपातल गांव के बालीचंद मंदिर में चोरी की है. बालीचंद मंदिर में चोरों ने सोने का छत्र, जनेऊ और एक नथ चुरा ली. स्थानीय लोगों ने मंदिरों में चोरी करने वाले चोरों को पकड़कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
(Incidents of Theft in Pithoragarh Temples)
बीते 29 जून को बालीचंद मंदिर में साफ सफाई के लिए सैनीपातल निवासी धन सिंह खोलिया ने अपने भतीजे भूपेंद्र सिंह को भेजा था. मंदिर पहुंचने के बाद भूपेंद्र ने देखा कि मंदिर के चैनल गेट के ताले तोड़े गए हैं उन्होंने गाव वालों को बुलाया, मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने देखा कि मंदिर के मुख्य गेट चैनल का ईंट से ताला तोड़ा गया था.
पुलिस ने तहरीर के बाद मंदिर के अंदर बॉक्स में रखे सोने के छत्र, जनेऊ और नथ के खाली बॉक्स को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी. पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है.
(Incidents of Theft in Pithoragarh Temples)
इससे पहले भी जिले में सिंगाली क्षेत्र के धनलेख मंदिर, मेर्थी छुरमल मंदिर, कूटा मंदिर, ननपापो मंदिर और जौरासी क्षेत्र के एक मंदिर में चोरी हो चुकी है. इसके अलावा सिरकुच मंदिर, खूना क्षेत्र के एक मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों में चोरी हो चुकी है. कनालीछीना के मलान मितड़ा के रौत मंदिर में भी चोरी हो चुकी है.
पिथौरागढ़ पुलिस के अनुसार आजकल युवाओं में नशे की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है. रुपये नहीं होने की स्थिति वो या अन्य लोग मंदिरों से चोरी करते हैं. इसका हालिया उदाहरण पिथौरागढ़ नगर के मंदिरों में हुई चोरी के खुलासे हैं. पिथौरागढ़ पुलिस ने लोगों से मंदिरों में कीमती सामान और खुले में घंटिया न रखने की अपील की है.
(Incidents of Theft in Pithoragarh Temples)
Support Kafal Tree
.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…