यह उत्तराखण्ड के लिए कफल्टा में हुए दलित नरसंहार को याद करने का महीना है. मई 1980 उत्तराखण्ड के इतिहास की सबसे काली तारीखों में से एक है. इस दिन कुमाऊं के कफल्टा नाम के एक छोटे से गाँव में थोथे सवर्ण जातीय दंभ ने पड़ोस के बिरलगाँव के चौदह दलितों की नृशंस हत्या कर डाली थी. इसके बाद देश भर का मीडिया वहां इकठ्ठा हुआ था. दिल्ली से तत्कालीन गृहमंत्री ज्ञानी जैल सिंह को भी मौके पर पहुंचना पड़ा था. सारा मामला एक बारात को लेकर शुरू हुआ था. लोहार जाति से वास्ता रखने वाले श्याम प्रसाद की बारात जब कफल्टा गाँव से होकर गुजर रही थी तो गाँव की कुछ महिलाओं ने दूल्हे से कहा कि वह भगवान बदरीनाथ के प्रति सम्मान दिखाने के उद्देश्य से पालकी से उतर जाए.
चूंकि मंदिर गाँव के दूसरे सिरे पर था, दलितों ने ऐसा करने से मना कर दिया और जहा कि दूल्हा मंदिर के सामने पालकी से उतर जाएगा. इसके बाद हुए विवाद में सभी बारातियों ने कफल्टा में रहने वाले इकलौते दलित नरी राम के घर पनाह ली और कुंडी भीतर से बंद कर दी. ठाकुरों ने घर को घेर लिया और उसकी छत तोड़ डाली. छत के टूटे हुए हिस्से से उन्होंने चीड, चीड़ का सूखा पिरूल, लकड़ी और मिट्टी का तेल भीतर डाला और घर को आग लगा दी. छः लोग भस्म हो गए और जो दलित खिड़कियों के रास्ते अपनी जान बचाने को बाहर निकले उन्हें खेतों में दौड़ाया गया और लाठी-पत्थरों से उनकी हत्या कर दी गयी. इस तरह कुल मिलाकर 14 दलित मार डाले गए. दूल्हा श्याम प्रसाद और कुछेक बाराती किसी तरह बच भागने में सफल हुए.
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इत्तफाक से इसी महीने इस से मिलता-जुलता मामला अल्मोड़ा में देखने में आ रहा है. अल्मोड़ा जिले की सल्ट तहसील के गांव थला तड़ियाल (मौडाली) के सवर्णों ने दलित दूल्हे को जबरन घोड़ी से उतारने और बारात रोकने की कोशिश की.
ग्राम थला तड़ियाल निवासी दर्शन लाल के पुत्र विक्रम कुमार का सोमवार को विवाह था. बारात निकलने के दौरान गांव के ही मजबाखली क्षेत्र में कुछ सवर्ण पुरुषों और महिलाओं की भीड़ ने बारात को रास्ते में ही रोक लिया.
घटना की शिकायत एसडीएम से करते हुए दर्शन लाल ने बताया कि सवर्णों ने बारात रोक कर दूल्हे को जबरन घोड़ी से उतरने की कोशिश की. जब बारातियों ने इसका विरोध कर ऐसा करने से मना किया तो उन्हें जान से मारने की भी धमकी दी गयी. इस दौरान दूल्हे व बारातियों को जातिसूचक गलियां भी दी गयीं.
मंगलवार को दूल्हे के पिता ने एसडीएम गौरव पांडे को कार्रवाई के लिए लिखित शिकायत दी. उन्होंने इस मामले में दोषियों पर तत्काल कार्रवाई न होने पर आन्दोलन छेड़ने की चेतावनी भी दी.
एसडीएम द्वारा मामले की जांच राजस्व पुलिस को सौंप दी गयी है. जिस पर कार्रवाई चलने की बात कही जा रही है.
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत चम्पावत में दलित भोजन माता के मिड डे मील का सवर्ण बच्चों द्वारा बहिष्कार करने के साथ हुई थी. विस्तार से जानने के लिए पढ़ें : चम्पावत में दलित भोजन माता के हाथों बना मिड डे मील बहिष्कार मामला
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क्या फिर दोहराया जाएगा कफलता ।