संस्कृति

गणतंत्र दिवस-2024 की परेड में सोर घाटी की हिलजात्रा

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गणतंत्र दिवस 2024 की परेड में पिथौरागढ़ की हिलजात्रा कर्तव्य पथ पर उत्तराखण्ड की संस्कृति के रंग बिखेरने जा रही है. भाव राग ताल अकादमी के निर्देशक प्रख्यात रंगकर्मी कैलाश कुमार के नेतृत्त्व में 9 लोगों का दल दिल्ली पहुँच चुका है. इस कड़ाके की सर्दी में यह दल राजपथ में होने वाली परेड के लिए दिल्ली में अभ्यास कर रहा है. (Republic Day Parade 2024)

दिल्ली में भाव राग ताल नाट्य अकादमी की टीम

गौरतलब है कि इस हिलजात्रा में 8 महिलाएं हिस्सा ले रही हैं जबकि हिलजात्रा पारंपरिक तौर पर पुरुषों द्वारा खेली जाती है. इस की वजह ये है कि इस साल गणतंत्र दिवस की परेड की थीम है महिला सशक्तिकरण और परेड में देश भर की हजारों महिलाएं हिस्सा लेने वाली हैं.

गौरतलब है कि दिल्ली में संगीत नाटक अकादमी द्वारा आयोजित ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अन्तर्गत क्लाइडस्कोप नाम से लोककला और लोकसंस्कृति से जुड़े आयोजन में भी भाव राग ताल नाट्य अकादमी द्वारा हिलजात्रा का प्रदर्शन किया जा चुका है.

इसे भी पढ़ें : पिथौरागढ़ की हिलजात्रा की दिल्ली में धूम 

इस से पहले 2019 में भारत सरकार द्वारा जारी ‘वैष्णव जन’ भजन के इंस्ट्रूमेंटल में भी पिथौरागढ़ के तीन युवाओं ने उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व किया था. इस तरह  ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कारसे सम्मानित कैलाश कुमार उत्तराखण्ड की लोक कला को सहेजते हुए राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय फ़लक पर ले जाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और उन्हें कामयाबी भी मिल रही है.

इसे भी पढ़ें : ‘वैष्णव जन’ भजन के इंस्ट्रूमेंटल में पिथौरागढ़ के तीन युवाओं ने उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व किया

गणतंत्र दिवस की परेड में उत्तराखण्ड की लोक कला के प्रदर्शन के लिए संगीत नाटक अकादमी के लोक एवं जनजातीय विभाग के मुख्य सलाहकार मनीष ममगाई द्वारा कैलाश कुमार से संपर्क करे उन्हें गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया. इस तरह केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली और उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज के विशेष सहयोग से उत्तराखण्ड की हिलजात्रा गणतंत्र दिवस की परेड में अपनी गौरवशाली प्रस्तुति देने जा रही हैं. प्रीति रावत, तनुजा गोस्वामी, आरती गैड़ा, सपना, प्रिय, शीतल और कुमकुम आर्य इस दल का हिस्सा हैं. (Republic Day Parade 2024)

कैलाश कुमार के बारे में जानने के लिए पढ़ें : उत्तराखण्डी लोकसंस्कृति की अलख बनते और नयी उम्मीद जगाते युवा

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Sudhir Kumar

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