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फेसबुक ग्रुप नहीं एक मुहिम है हल्द्वानी ऑनलाइन 2011

दैव संयोग से ही बनते हैं, हल्द्वानी ऑनलाइन 2011 जैसे ग्रुप

सोशल मीडिया का प्लेटफार्म अच्छाई के लिए कम ही जाना जाता है. प्लेटफार्म में मौजूद तमाम नकारात्मकता के बावजूद,  हल्द्वानी ऑनलाइन 2011 ने सामाजिक सहयोग और सक्रियता के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है. शुरुआत में जन सहयोग और श्मशान घाट की सफाई जैसे मुद्दों से शुरू कर, हल्द्वानी ऑनलाइन आज बड़े फलक पर काम कर रहा है. यह न केवल गरीब बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर काम कर रहा है.

बल्कि जब हल्द्वानी शहर डेंगू की चपेट में था तो ग्रुप ने यथासंभव पीड़ित परिवार के पीछे खड़े होकर,  उसे परिवार का भरोसा दिया और आधी -आधी रात दुर्लभ से ब्लड ग्रुप का इंतजाम कर,  दर्जनों लोगों की जान बचाई. इस पूरी मुहिम से यह तो साफ होता है की अगर आपके पास मिशनरी और जुनूनी लोगों की टीम हो तो आप बगैर संसाधनों के भी बहुत कुछ कर सकते हैं. लेकिन ऐसे जुनूनी मेंबर किसी संस्था को दैव संयोग से ही प्राप्त होते हैं. और यह दैव संयोग फिलहाल हल्द्वानी ऑनलाइन के साथ है, जो एनजीओ नहीं है.

अपनी इस मुहिम में हल्द्वानी ऑनलाइन 30 नवंबर से हल्द्वानी में एक मल्टी स्पेशलिटी डॉक्टर्स का कैंप आयोजित कर रहा है जिसमें बहुत जटिल बीमारियां जैसे कैंसर और अन्य लाइलाज बीमारियां जिन के उपचार के साधन हल्द्वानी में उपलब्ध नहीं है और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह एक बड़ी समस्या है .इस सब को ध्यान में रखकर यह कैंप आयोजित किया जा रहा है. कैंप के सफल आयोजन के लिए कैंप में रोगियों की संख्या, नाम पते अगर सब कुछ पहले मालूम हो तो आयोजकों को सुविधा हो जाती है.

कुछ इसी आशय की अपील की है हल्द्वानी ऑनलाइन 2011 के एडमिन श्री अमित खोलिया ने.

सुपर स्पेशयलिटी मेडिकल कैम्प

वत्सल फाउंडेशन और हल्द्वानी ऑनलाइन 2011 के संयुक्त तत्वाधान में एक सुपर स्पेशलिटी कैम्प का आयोजन 30 नवंबर को हल्द्वानी में प्रस्तावित है जिसमे कई विभिन्न रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टर प्रतिभाग कर रहे हैं. हमें कुमाऊं व ग्रामीण के लोगों की लिस्ट बनानी है जल्द से जल्द जो इस कैम्प में आने की इच्छा रखते हैं.  जिनका इलाज पहले से चल रहा, वो सेकंड ओपीनियन  भी ले सकते हैं अपनी दुविधाओं का निवारण पाने के लिए.

जो मरीज BPL अथवा निर्धन वर्ग से आते हैं, उनको रेफर कराने का हमारा प्लान है और हमारी पूर्ण कोशिश रहेगी कि ऐसे मरीजों के इलाज आयुष्मान योजना के तहत बेहतरीन सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल में कराया जाए.

सीनियर सिटीजन्स जो कि उम्र के साथ बीमारी के घेरे में आ जाते हैं,  अगर बाहर नही जा सकते,  अथवा उनके मन में शंका हो,  खासकर जिनके बच्चे बाहर कार्य करते हों,  उनको हम राडार पर लेना चाहते हैं.

आप सभी से निवेदन है कि अपने मूल निवास क्षेत्र व आजकल निवास क्षेत्र से, शहर व ग्रामीण के कोने से लोगों के डाटा  उपलब्ध कराएं जिसमें ये   तीन विवरण अंकित हों: 1. मरीज का नाम, 2. पता, 3. फोन नम्बर, 4. किस मर्ज से पीड़ित है.

यह लिस्ट आप व्हाट्सएप के माध्यम से 9719233053 पर भेज सकते हैं.

हमारा छोटा सा प्रयास किसी बीमारी से जूझते इंसान को नया जीवन प्रदान कर सकती है.

निवेदक- हल्द्वानी ऑनलाइन 2011

(यह आलेख काफल ट्री के अन्तरंग साथी प्रमोद साह की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)

प्रमोद साह
हल्द्वानी में रहने वाले प्रमोद साह वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत हैं. एक सजग और प्रखर वक्ता और लेखक के रूप में उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफलता पाई है. वे काफल ट्री के नियमित सहयोगी.

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