लैंसडाउन गढ़वाल राइफल्स से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जगह है. भारत के सबसे जाबाज जवानों के मुख्यालय के जवानों की जितनी शौर्यगाथा लोकप्रिय हैं उतने ही लोकप्रिय है लैंसडाउन से जुड़े भूतों के किस्से. लैंसडाउन में एक नहीं अनेक भूतों के किस्से सुनाये जाते हैं. इनमें सबसे लोकप्रिय है घोड़े पर घुमने वाले बिना सिर के अंग्रेज भूत का किस्सा.
(Ghost of Lansdowne)
लैंसडाउन में कहते हैं कि रात के समय छावनी में सफ़ेद घोड़े में एक सरकटा अंग्रेज घुमता है. छावनी में ड्यूटी कर रहे सिपाहियों की निगरानी करने वाले इस सरकटे अंग्रेज के कई किस्से लैंसडाउन में कहे जाते हैं. कहते हैं कि यदि कोई सिपाही रात की ड्यूटी में सोता है या बेहूदगी से ड्रेस पहनता है तो वह उसके सिर पर मारकर जगा देता है.
रिटायर हुए कई फौजी भुला तो कहते हैं कि वह सुबह साहब को शिकायत लिखित में तक करता है. कहते हैं यह भूत एक अंग्रेज ऑफिसर डब्लू. एच. वार्डेल का है. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान डब्लू. एच. वार्डेल फ़्रांस में जर्मनी से लड़ता हुआ मारा गया था. दरबान सिंह नेगी के साथ लड़ने वाले इस अंग्रेज अफ़सर की लाश कभी नहीं मिली.
(Ghost of Lansdowne)
कहते हैं कि 23-24 नवम्बर की रात वोर्डेल बड़ी बहादुरी के साथ जर्मनों से लड़ा. युद्ध में उसकी मौत के बाद तब के ब्रिटिश अख़बारों में लिखा गया है कि वह शेर की तरह लड़ा और मारा गया. बड़ा अफ़सोस है की हमें ऐसे वीर का शव भी नहीं मिला.
लोगों का मानना है कि ठीक इसी रात लैंसडाउन की छावनी में एक अंग्रेज को सफ़ेद घोड़े में देखा गया. इसके बाद बहुत से लोग इस जिन्होंने से छावनी में रात की ड्यूटी की है इस बात का दावा कर चुके हैं कि ड्यूटी में कामचोरी करने पर उन्हें वार्डेल ने टोका है.
(Ghost of Lansdowne)
डब्लू. एच. वार्डेल एक ब्रिटिश अफ़सर था जो 1912 में फर्स्ट बटालियन से जुड़ा. वह 1893 में भारत आया. 1901-02 के पास उसने अफ्रीका में नौकरी की और फिर भारत लौट आया. 1911 के दिल्ली दरबार में जब राजा जार्ज पंचम आया तब उसके स्वागत में भारतीय सेना का नेतृत्व करने वाले अफसरों में एक डब्लू. एच. वार्डेल भी था.
प्रथम युद्ध से पहले वह लैंसडाउन में ही था. मौत से पहले लैंसडाउन में पोस्टिंग होने और शव के क्रिया कर्म न होने के चलते यह माना जाता है कि 100 साल बाद आज भी डब्लू. एच. वार्डेल छावनी में घूमता है.
(Ghost of Lansdowne)
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It would be nice if some specific examples were cited about the ghost being seen.
लैंसडाउन में कहते हैं कि रात के समय छावनी में सफ़ेद घोड़े में एक सरकटा अंग्रेज घुमता है. छावनी में ड्यूटी कर रहे सिपाहियों की निगरानी करने वाले इस सरकटे अंग्रेज के कई किस्से लैंसडाउन में कहे जाते हैं. कहते हैं कि यदि कोई सिपाही रात की ड्यूटी में सोता है या बेहूदगी से ड्रेस पहनता है तो वह उसके सिर पर मारकर जगा देता है.
Bhai wo capt ex the na ki eardrum bhai