समाज

घाम पानी: बिना कमला-बिमला के एक कुमाऊनी प्रेम गीत

चांदनी एंटरप्राइजेज के यूट्यूब चैनल पर मुनस्यारी के लवराज टोलिया का लिखा घाम-पानी गाना रिलीज हो चुका है. घाम-पानी एक प्रेम गीत है. जिसमें एक छोटी सी पर पहाड़ में अक्सर घटने वाली एक प्रेम कहानी है.  
(Gham Pani New Kumaoni Song Review)

दुनिया भर में लिखे जा रहे प्रेम गीतों के सामने एक गीतकार के रूप में यह चुनौती यह है कि प्रेम गीत को बिना प्रेम शब्द के लिखा जा सके. पर कुमाऊनी गीतकारों के सामने दो दशकों से चुनौती रही है बिना कमला, बिमला जैसे नामों के प्रेम गीत लिखे जा सकें.

कुमाऊं में बनने वाले प्रेम गीतों के वीडियोज के सामने चुनौती है रंगीली-नथुली पहने लड़की के डानों-कानों में सामूहिक नृत्य करने वाली छवि से बाहर निकालना. कुमाऊनी गीतों के वीडियोज में पहाड़ का प्रेमी एक भ्यास से लेकर लाल-काले चश्मे में पीछा करने वाले आवारा के बीच कहीं फंस कर रह गया है.
(Gham Pani New Kumaoni Song Review)

नये कुमाऊनी गीत बनाने वालों के साथ एक अन्य समस्या है, अच्छे बोल की. नया जितना लिखा जा रहा है उसमें अधिकाँश भौंडा और घटिया लिखा जा रहा. वैसे पुराने गीतकारों के शब्दों में कहें तो आज का युवा सिर्फ पिसा हुआ आटा ही पीस रहा है. ऐसे में लवराज का लिखा यह गीत नई उम्मीद जगाता है.

पहाड़ के हर गाने में ढम-ढम की जरूरत नहीं है. इस बात को पाण्डवाज़ पहले ही अपने पिछले गीतों में साबित कर चुका है. एकबार फिर पाण्डवाज़ ने घाम पानी में दिये संगीत से साबित किया है कि फ्यूजन का मतलब सिर्फ पहाड़ी ढोल और गिटार की ढम-ढम-झिंग-झिंग नहीं है.

चांदनी एंटरप्राइजेज ने लीक से हटकर बने इस गीत में एक प्रकार का रिस्क लिया है. एक ऐसे समय में जब कुमाऊं के अधिकतर कान ढम-ढम सुनने के आदी हो चुके हैं ऐसे में घाम-पानी जैसे प्रेम गीत को प्रोड्यूस करने का साहस निश्चित ही युवाओं के लिये नये रास्ते खोलेगा.   
(Gham Pani New Kumaoni Song Review)         

घाम पानी, पहाड़ के युवाओं के मेहनत है. इस युवा टीम से बातचीत जल्द ही काफल ट्री पर प्रकाशित की जा रही है. फ़िलहाल देखिये घाम पानी का वीडियो:

काफल ट्री डेस्क

इसे भी पढ़ें: हिन्दी सिनेमा के गीतों में मुनस्यारी से बोल

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