Featured

जार्ज फर्नांडीज का जाना

1967 के लोकसभा चुनाव थे. दक्षिण मुम्बई से कांग्रेस के कद्दावर नेता एस.के पाटिल की जीत तय मानी जा रही थी. एस.के पाटिल ने यहां तक घोषणा कर दी थी इस सीट पर भगवान भी आकर लड़ ले वह भी उनको नहीं हरा सकता. इस पर एस.के पाटिल के खिलाफ खड़े जार्ज फर्नांडीज (George Fernandes) ने एक पोस्टर छापा और लिखा

“पाटिल कहते हैं, भगवान भी नहीं हरा सकते उनको. लेकिन आप हरा सकते हैं इस शख़्स को.”

पाटिल 42 हज़ार के अंतर से चुनाव हार गये और महाराष्ट्र की राजनीति में उदय हुआ ‘जॉर्ज द जायंट किलर’ का.

1977 के आम चुनाव के दौरान जार्ज तिहाड़ जेल में बंद थे. तिहाड़ में जनता दल की जीत को फर्नांडीज के नेतृत्त्व दीवाली की तरह मनाया गया. जॉर्ज एक लाख वोटों से ज्यादा वोटों से मुजफ्फरपुर से चुनाव जीते. इसके बाद वह जनता दल की सरकार में पहले संचार मंत्री और फिर उद्योग मंत्री रहे.

नेहरू के मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री रहे हुमायूं कबीर की बेटी लैला कबीर,जार्ज फर्नांडीज की पत्नी थी. लैला कबीर और फर्नांडीज की शादी में नकी धुर-विरोधी इंदिरा गाँधी भी शामिल हुई थीं.

जार्ज के संबंध में कहा जाता है कि जार्ज हमेशा अपनी जेब में कुछ टाँफियाँ रख करते. जहां भी उन्हें बच्चे मिलते वह बच्चों को टॉफियाँ देते और उनसे बातचीत में घुलमिल जाते.

जार्ज से जुड़ी ऐसी ढेरों बातें हैं जो एक जमीनी नेता को राजनीति की बुलंदियों पर पहुंचाती हैं.

जार्ज फर्नांडीज (George Fernandes) को फ़्लू था और उनकी हालत में सुधार हो रहा था, लेकिन आज सुबह 6 बजे उनकी हालत बिगड़ी और उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में ले जाया गया. जहाँ उनकी मौत हो गयी. जार्ज फर्नांडीज का जाना भारतीय राजनीति में भले कोई बड़ा बदलाव न लाये लेकिन जार्ज का जाना भारतीय राजनीति में एक बड़े बदलाव का जाना हमेशा माना जायेगा.

-काफल ट्री डेस्क

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

1 day ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

1 week ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

1 week ago

इस बार दो दिन मनाएं दीपावली

शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…

1 week ago

गुम : रजनीश की कविता

तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…

1 week ago

मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा

चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…

2 weeks ago