हैडलाइन्स

चुनावी हवा में फिर उड़ने लगी नैनी-सैनी में जहाज की खबरें

पच्चीस साल से नैनी-सैनी के नाम पर हर बार धोखा खाने वाली जनता एकबार फिर स्वागत के लिये तैयार है. भले पिथौरागढ़ नैनी-सैनी का हवाई अड्डा छोटा है लेकिन पिथौरागढ़ के लोगों का दिल बहुत बड़ा है.

1994 के बाद पिथौरागढ़ का कोई चुनाव ऐसा नहीं रहा है जब नैनी-सैनी का राग न छेड़ा गया हो. नैनी-सैनी अब सरकार से ज्यादा पिथौरागढ़ के लोगों का सपना है. एक ऐसा सपना जो तीन पीढ़ियों को एकसाथ जोड़ता था, उसमें से एक पीढ़ी के लोगों ने दुनिया छोड़कर जाना शुरु कर दिया है.

इस बार कहा जा रहा है कि 8 अक्टूबर से गाज़ियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस से नैनी-सैनी के लिये हवाई यात्रा शुरू की जा रही है. हमेशा की तरह इस बार भी सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. तैयारी का मतलब अख़बारों में खबर लिखवाने से है.

इसी साल 17 जनवरी 2019 के दिन सरकार ने देहरादून नैनी-सैनी और पंतनगर- नैनी-सैनी  के लिये हवाई सेवा का शुभारंभ किया था. ढोल और दमुआ की जिस धमक के साथ 17 जनवरी के दिन प्रकाश पन्त ने नैनीसैनी हवाई अड्डे में कदम रखा था, लगा कि दो दशकों का सपना पूरा हुआ लेकिन यह सेवा 20 दिन भी न चल सकी.   

ख़बरों में यहां तक आ रहा है कि देहरादून नैनी-सैनी और पंतनगर- नैनी-सैनी हवाई सेवा देने वाली विमानन कम्पनी, हेरिटेज विमानन कंपनी के पास अब विमान ही नहीं है.

हैरीटेज एविएशन वही कम्पनी है जिसने पिछले साल धुमाकोट सड़क दुर्घटना में लापरवाही दिखाई थी. इस सड़क दुर्घटना में लगभग 50 लोगों की मृत्यु हुई थी. जिसमें अधिकांश की मृत्यु का कारण दुर्घटना के पहले एक घंटे में इलाज मुहैया न हो पाना था. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तब हैरीटेज एविएशन की लापरवाही के जांच के आदेश तक दिये थे लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ.

9 फरवरी, 2019 को जब हैरीटेज एविएशन के विमान ने पंतनगर से उड़ान भरी तो उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद ही हवा में हवाई जहाज का दरवाजा खुल गया. जिसके बाद से हवाई सेवा बंद कर दी गयी है. इस घटना के जांच के आदेश भी दे दिये गये हैं लेकिन अब तक कार्यवाही क्या हुई किसी को नहीं पता.  

अब तक कहा जा रहा था कि पिथौरागढ़ से दिल्ली तक सीधी फ्लाइट हिंडन एयरबेस के तैयार होने पर निर्भर है क्योंकि अब हिंडन एयरबेस तैयार है सो लोगों में उम्मीद जागी है कि दिल्ली से नैनी-सैनी को अब सेवा शुरू हो जायेगी.

पिथौरागढ़ में उप-चुनाव सिर पर होने के कारण हो सकता है कि हमेशा की तरह पिथौरागढ़ के लोगों को इस बार भी निराशा ही हाथ लगे.       

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Girish Lohani

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

1 week ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

1 week ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago