समाज

पुराणों में चम्पावत

काली कुमाऊं की राजधानी के रूप में जाना जाने वाला चम्पावत शहर कुमाऊं के सबसे पुराने शहरों में एक शहर है. कुमाऊं में बसे सभी शहरों में चम्पावत सबसे पहले व्यवस्थित ढंग से बसा शहर था. कुमाऊं के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखने वाला चम्पावत शहर अपना पौराणिक महत्त्व भी खूब रखता है.
(Champawat in Puranas)

चम्पावत के संबंध में एक मान्यता यह है कि भगवान विष्णु का कूर्म अवतार यहीं हुआ. इतिहासकार बद्रीदत्त पाण्डेय के अनुसार विष्णु का कुर्मावतार स्थल चम्पावत की क्रांतेश्वर चोटी पर हुआ था. चंद शासकों की पहली राजधानी रहे चम्पावत का जिक्र स्कन्द पुराण के केदार और मानस खंड में भी माना जाता है.
(Champawat in Puranas)

वायु पुराण में चम्पावपुरी नाम का उल्लेख मिलता है. यह कहा जाता है कि चम्पावतपुरी नौ नागवंशीय राजाओं की राजधानी थी. जोशीमठ के गुरू पादुका नामक ग्रन्थ में भी चम्पावत नगर का जिक्र है. इस ग्रन्थ के अनुसार नागों की बहन चम्पावती ने चम्पावत नगर को बालेश्वर मंदिर के पास बसाया.
(Champawat in Puranas)

पुराणों के अतिरिक्त महाभारत काल से भी चम्पावत नगर को जोड़ा जाता है. यह माना जाता है कि अपने निर्वासन काल के दौरान पांडवों ने अपना प्रवास इसी इलाके में किया. यहां स्थित घटोत्कच का मंदिर मान्यता को और पुख्ता करता है. घटोत्कच से जुड़े लोकविश्वास पर प्रो. मृगेश पाण्डे लिखते हैं –

लोक विश्वास है कि यहां हिडिम्बा राक्षसी रहती थी जो श्रावण में हिण्डोला झूलती थी. इस क्षेत्र में द्वापर में जब पांडव आये तब झूले में बैठी हिडिम्बा ने बलशाली भीम से झूला झूलने हेतु धक्का देने का अनुरोध किया. भीम द्वारा सहजता से दिए धक्के का जोर इतना अधिक हुआ कि हिडिम्बा छिटक कर अखिलतारिणी नामक स्थान पर जा गिरी. भीम के शौर्य व शक्ति से सम्मोहित हो हिडिम्बा ने उससे विवाह का प्रस्ताव किया. भीम ने इस आग्रह को स्वीकार किया. घटोत्कच उन्हीं के पुत्र थे जिनका घटकू नामक स्थान पर मंदिर बना है. इसके समीप ही गंडक नदी के तट पर हिडिम्बा का मंदिर है.

काफल ट्री फाउंडेशन

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

1 week ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

2 weeks ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

2 weeks ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

2 weeks ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

2 weeks ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

2 weeks ago