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अपने गांव में महिलाओं को अंग्रेजी शराब की दुकान बर्दाश्त न हुई

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ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोल्टी गांव स्थित है. चमोली जिले के इस गांव के पास नागोली में बीते शनिवार एक शराब की दुकान खुली. अपने गांव में अंग्रेजी शराब यह दुकान गांव की महिलाओं को बर्दाश्त न हुई. आस-पास के 6 गांवों की महिलाएं मौके पर पहुंच गयी और विरोध करने लगी.
(Chamoli Women Protesting against Liquor Shop)

महिलाओं को समझने आबकारी अधिकारी आये लेकिन महिलाएं नहीं मानी. पुलिस के आने के बाद दुकान में ताला जड़ दिया गया. रविवार के दिन बारिश के बावजूद महिलाओं ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. चमोली के लोल्टी गाँव और उसके आस-पास के गावों में रहने वाली महिलाएं चाहती है कि उनके गाँव में शराब की दुकान न खुले. धुप हो या बारिश महिलाएं शराब की दुकान बंद कराने के लिये सड़क पर डटी रही. पुलिस आई अफ़सर आये पर महिलाएं न मानी. आखिर में महिलाएं घर लौटी जब उनसे प्रशासन ने दुकान दुबारा न खोलने की बात कही.
(Chamoli Women Protesting against Liquor Shop)

चमोली पुलिस का कहना है कि इस इलाके के 6 किमी में कोई भी शराब की दुकान न होने से राजस्व का नुकसान हो रहा है. उत्तराखंड राज्य बनने से पहले पर्वतीय क्षेत्र में शराब को प्रतिबंधित करने के लिये बड़े सारे आन्दोलन हुये. ‘शराब नहीं रोजगार दो’ पर्वतीय क्षेत्र से निकला एक बड़ा आन्दोलन है. यह बड़े आश्चर्य की बात है कि साल 2001-02 में जिस उत्तराखंड की राजस्व आय में सरकार ने शराब से आय का लक्ष्य 222.38 करोड़ रखा था, 2022-23 में यह 3600 करोड़ रुपये लक्षित हुआ.

राज्य बनने से पहले जहां सरकारें पर्वतीय क्षेत्र में शराब बंदी जैसे वादे करती थी लेकिन अब कोई राजनैतिक पार्टी ऐसा कोई वादा नहीं करती. इस वर्ष आबकारी विभाग ने राजस्व लक्ष्य को 4440 करोड़ रुपये किया है जो कि पिछले आर्थिक वर्ष में 4000 करोड़ रूपये था. सरकार ने शराब से आने वाले राजस्व में एक साल में 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी चाहती है.
(Chamoli Women Protesting against Liquor Shop)

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