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रुद्रपुर में ‘अपनी धुन में कबूतरी’ वृत्तचित्र का प्रदर्शन

लोकगायिका स्व. कबूतरी देवी उत्तराखंड की ऐसी पहली गायिका हैं जिन्होंने रेडियो के जमाने में खूब नाम कमाया. किसी पहाड़ी…

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कुतर्की समय में कुछ तार्किक बातें

यह 2011 साल का सितम्बर महीना था जब जबलपुर से निकलने वाली प्रतिष्ठित हिंदी साहित्यिक पत्रिका ‘पहल’ ने दो दिन…

6 years ago

गट्टू भाई की दानवीरता

एक क़स्बे के लिहाज़ से गट्टू भाई ख़ासे पैसे वाले थे और पुराने नवाबों की फ़ितरत रहते थे. उसी हिसाब…

6 years ago

खटारा मारुति में पूना से बागेश्वर – 3

(पिछले हिस्से:  खटारा मारुति में पूना से बागेश्वर -1, खटारा मारुति में पूना से बागेश्वर -2) गाड़ी सड़क से उतार…

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कालिदास की कल्पना का रहस्य लोक उत्तराखण्ड

राजधानी के चहल-पहल भरे वातावरण में आपाधापी, दौड़ धूप, भीड़-भाड़ और शहरी प्रदूषण की बीच जब कभी मन कल्पना के…

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सुना आपका ‘ता’ गायब हो गया था पिछले दिनों

नेतृत्व की ताकत -शरद जोशी नेता शब्द दो अक्षरों से बना है- 'ने' और 'ता'. इनमें एक भी अक्षर कम…

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चार करोड़ बत्तीस लाख रुपये की भी आती है स्कॉच की एक बोतल

गेलिक भाषा में एक शब्द होता है - "usquebaugh", जिसका अर्थ हुआ "जीवनजल". ध्वनि के आधार पर यह शब्द कालान्तर…

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अगस्त्यमुनि में महिलाओं द्वारा अभिनीत ऐतिहासिक रामलीला

भारत के अलग-अलग भागों में मंचन की जाने वाली रामलीलाओं में एक मुख्य समानता महिलाओं की सीमित भागीदारी होती है.…

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हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने – 18

आजादी के बाद और कुछ हुआ हो या ना हो मैं कोई नहीं जानता था जिन्हें कोई नहीं जानता था…

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आपकी आँखों का अब कोई इलाज नहीं है : मंगलेश डबराल की कविता

पिता का चश्मा -मंगलेश डबराल बुढ़ापे के समय पिता के चश्मे एक-एक कर बेकार होते गए आँख के कई डॉक्टरों…

6 years ago