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इतने विशाल हिंदी समाज में सिर्फ डेढ़ यार : चौथी क़िस्त

हिंदी की नई पौध के लिए एक चिट्ठी : नसीहत नहीं, ‘हलो’ मेरे नए रचनाकार दोस्तो! आज से करीब पचपन…

6 years ago

जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तराखंड के लोगों को सिखाया ‘कर्फ्यू’ का मतलब

1994 में मुजफ्फरनगर की अमानवीय घटना घट चुकी थी और संभवतः आजादी के बाद पहली बार उत्तराखंड के छोटे-छोटे कस्बों…

6 years ago

कैसे मिलती थी शराब अहमदाबाद में

कैसे मिलती थी शराब अहमदाबाद में -सूरज प्रकाश मैं 1989 से 1995 लगभग 75 महीने अहमदाबाद में रहा. ज्यादातर अकेले…

6 years ago

हिंदी सिनेमा की पहली ब्लैक कॉमेडी

यदि हिंदी सिनेमा में अभिनय की विभिन्न पाठशालाओं पर एक मोटी-मोटी नजर दौड़ाई जाये तो दो स्कूल सबसे पहले दिखलाई…

6 years ago

स्पार्टाकस की प्रतिज्ञाओं के साथ जीता हूं : विद्रोही की कविता

मोहनजोदड़ो की आखिरी सीढ़ी से -रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ मैं साइमन न्याय के कटघरे में खड़ा हूं प्रकृति और मनुष्य मेरी…

6 years ago

ये चरवाहे और मेमने भी तो हमारे ही हैं सरकार!

क्या आपने उत्तराखण्ड के अन्वाल समुदाय का नाम सुना है? यदि नहीं तो आज हम आपको उनकी कथा सुनाने जा…

6 years ago

उत्तराखण्ड की वनरावत जनजाति

उत्तराखंड के सामाजिक गठन का एक अन्य वर्णेत्तर घटक है वनरौत या वनराजी. पिथौरागढ़ जनपद के अस्कोट खंड के निकटस्थ…

6 years ago

माता महेश गिरि

मोहिनीदी से फिर मुलाकात की उम्मीद कम होती जा रही है. अब कहां भेंट होगी! हमसे गांव कबके छूट गया.…

6 years ago

बहुत कमाया लेकिन अच्छे से जीना नहीं सीखा

क्या आप सिर्फ नौकरी पैसों के लिए ही करते हैं. कहीं यह नौकरी आपकी सेहत को नुकसाान तो नहीं पहुंचा…

6 years ago

वे तुम्हारी नदी को मैदान बना जाएंगे

अमृतलाल वेगड़ और रजनीकांत के नर्मदा वृत्त के आगे यह नर्मदा की दुर्दशा की अगली कहानी है. शिरीष खरे की…

6 years ago