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माफ़ करना हे पिता – 1

सभी के होते हैं, मेरे भी एक (ही) पिता थे. शिक्षक दिवस सन् २००१ तक मौजूद रहे. उन्होंने ७१-७२ वर्ष…

6 years ago

रहस्यमयी झील रूपकुंड तक की पैदल यात्रा – 1

रूपकुंड की रहस्यमयी झील के बारे में मैं बहुत किस्से सुने चुकी हूँ. खासकर की झील के चारों ओर बिखरे…

6 years ago

यूपी के दो दोस्तों की चिठ्ठियाँ

प्रमुख रूप से चिंता का वि‍षय निश्‍चित रूप से गधा चिंतन ही है -राहुल पाण्डेय प्रिय मिरगेंदर, तुमने अपनी चिट्ठी…

6 years ago

अनारकली की हिचकी

सलीम अनारकली की प्रेमकथा फंतासी शैली में हिंदी ही नहीं, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम में भी फिल्मांकित की गई. मूक…

6 years ago

बेपरवाह बच्ची

बेपरवाह बच्ची -पद्मिनी अबरोल ''ये देख लो रश्मि मैडम, इस बच्ची का हाल ! मैंने तीन दिन पहले इसे अच्छे बच्चे…

6 years ago

क्षितिज तक फ़सल काट रही औरतें

आलोक धन्वा की यह कालजयी कविता कई कई बार सार्वजनिक मंचों पर पढ़े जाने की दरकार रखती है. भारतीय समाज…

6 years ago

कहो देबी, कथा कहो – 1

[वरिष्ठ लेखक देवेन्द्र मेवाड़ी के संस्मरण और यात्रा वृत्तान्त आप काफल ट्री पर लगातार पढ़ते रहे हैं. पहाड़ पर बिताए…

6 years ago

बज्जर किस्म के शिकायती भाई साहब !

भाई साहब से मेरी जान-पहचान इनके बचपन से है. जैसे किसी व्यक्ति के भीतर प्रेम, करुणा तथा दया अथवा झूठ,…

6 years ago

साझा कलम : 10 आशीष ठाकुर

[एक ज़रूरी पहल के तौर पर हम अपने पाठकों से काफल ट्री के लिए उनका गद्य लेखन भी आमंत्रित कर…

6 years ago

जीवन रचते व्यंग्य चित्र – 3

  दुगड्डा, पौड़ी गढ़वाल में रहने वाले जागेश्वर जोशी मूलतः बाडेछीना अल्मोड़ा के हैं. वर्त्तमान में माध्यमिक शिक्षा में अध्यापन…

6 years ago