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कैसे बनता है बरेली का मांझा : एक फोटो निबंध

‘कनकौए और पतंग’ शीर्षक अपनी एक रचना में नज़ीर अक़बराबादी साहेब ने पतंगबाज़ी को लेकर लिखा था: गर पेच पड़…

6 years ago

फ़लक ज़मा को मिला दूसरा प्रोफ़ेसर आई. डी. सक्सेना मेमोरियल अवार्ड

विज्ञान, मेडिकल अध्ययन और फिजियोलॉजी के क्षेत्र में दिया जाने वाला प्रोफ़ेसर आई. डी. सक्सेना मेमोरियल अवार्ड इस वर्ष राजकीय…

6 years ago

हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 38

यहां भाबर के लिए एक शब्द अक्सर प्रयोग में लाया जाता है ‘भबरी जाना,’ यानि खो जाना. यह बात पहले…

6 years ago

छानी ल्वेशाल के अनिल सिंह दोसाद और उनका वैली व्यू रेस्तरां

कुमाऊं के सुन्दर कौसानी-सोमेश्वर मार्ग पर कौसानी से 3 और सोमेश्वर से 9 किलोमीटर दूर एक छोटी सी जगह पड़ती…

6 years ago

कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 31

  पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम…

6 years ago

चलने के भ्रम के साथ चलते भाई साहब

मनुष्य जिंदा होगा तो चलेगा-फिरेगा. चलेगा तभी अपने तथा दूसरों के लिए कुछ अच्छा कर सकेगा. चलने के लिए अच्छा…

6 years ago

रुद्रप्रयाग में टॉस से हुआ चुनाव का फैसला

उत्तराखंड में बीते रविवार हुए स्थानीय निकाय चुनावों के परिणाम आना शुरू हो गए हैं. स्थिति अभी पूरी तरह स्पष्ट…

6 years ago

नीम करोली बाबा की दुर्लभ तस्वीरें – 2

नैनीताल और गरमपानी के बीच स्थित नीम करोली ( नीब करौरी ) आश्रम, कैंची धाम लम्बे समय से श्रध्दालुओं की…

6 years ago

कंचों के खेल ने साबित किया कि मैं कृष्ण जैसा अवतार था

पहाड़ और मेरा बचपन – 8 (पिछली क़िस्त : अमीर अंकलों की खैरात से जब दिल्ली में मैंने मौज उड़ाई…

6 years ago

पहाड़ों मे कोई न तो पलायन के गीत हैं न हीं आह्वान के गीत

पहाड़ों में अब मौसमी गीत ही गीत हैं. बसंत बरसात और प्यारा जाड़ा तो है. जाड़ा अब उतना गुलाबी नहीं…

6 years ago