कुमाऊँ में प्रथा है कि चैत महिने में कन्या का भाई उसके लिए भेंट लेकर जाता है, जिसमें अपनी सामर्थ्य…
गढ़वाल राइफल्स की स्थापना 5 मई 1887 को अल्मोड़ा में हुई थी. इसी दिन पहली बटालियन रेज़ की गयी. प्रथम…
पिथौरागढ़ की धरती में एक ऐसा व्यापारी परिवार भी रहा जो अद्वितीय था. वह था मालदार परिवार. आज तो यह…
उत्तराखंड में बंसत पंचमी का दिन सबसे पवित्र दिनों में माना जाता है. कई स्थानों में इसे स्थानीय भाषा में…
बात सन् 1921-22 की है. तब मेरी उम्र लगभग 5 वर्ष होगी. हम अपने गाँव (नौगाँव, पो. कफड़ा, विकास खण्ड…
बचपन में माँ, दादी-नानी से सुने गीतों (लोरियों) की कुछ अस्पष्ट पंक्तियां आज भी दिल की अतल गहराइयों में तैर…
उत्तराखंडी लोक कला के विविध आयाम हैं. यहाँ की लोक कला को ऐपण कहा जाता है. यह अल्पना का ही…
उप्रेतीखाल, पाँखू, पिथौरागढ़ में 1930 में जन्मे नंद कुमार उप्रेती की कहानी एक सामान्य पहाड़ी आदमी का उस जमाने का…
मेरी जानकारी में जसुली देवी सौक्याणी के सम्बन्ध में धारचूला सनपाल सिंह दताल एवं मेरी मां स्व. सुरमा देवी पत्नी…
एवरेस्ट अभियान से लौटने के कुछ महीनों के बाद ई. ई. सिम्पसन ने मुझे गढ़वाल के एक छोटे अभियान का…