समाज

चट्टी: चारधाम यात्रा के पारंपरिक पड़ाव

आज उत्तराखण्ड की चार धाम यात्रा के सभी पड़ाव सड़क व वायु मार्ग से जुड़े हुए हैं. यात्रा मार्गों पर…

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कोट की माई भ्रामरी देवी को भ्रामरी क्यों कहते हैं?

उत्तराखंड में कोट की माई भ्रामरी आदि शक्ति नंदा का ही एक रूप है. कत्यूर घाटी क्षेत्र में मां शक्ति…

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भेलिधरण या भेली धरना: कुमाऊँ का एक वैवाहिक अनुष्ठान

भेली धरना या भेलिधरण कुमाऊँ के वैवाहिक अनुष्ठानों में सगाई की एक रस्म की तरह ही है. इसका शाब्दिक अर्थ…

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जानिये उत्तराखंड के घरों से लुप्त होते लकड़ी के बर्तनों के बारे में

पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में लकड़ी के बर्तनों का उपयोग लगभग बंद हो गया है. कभी दैनिक जीवन में…

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चम्पावत का किला, राजबुंगा, चम्पावत गढ़ी

चम्पावत का किला राजबुंगा, चम्पावत गढ़ी, राजबुड्डा अर्थात राजा की गढ़ी भी कहा जाता है. अंडाकार आकार के किले की…

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मासी का सोमनाथ मेला

सोमनाथ भगवान शंकर का पर्यायवाची नाम है. सोमनाथेश्वर नामक स्थान पर झाड़ियों के बीच एक गुफा के अन्दर शिवलिंग की…

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अल्मोड़ा की एक शाम

"दुनिया की हर शहर की शाम को नोटिस किया जाना चाहिए" ऊपर लिखे इन ग्यारह शब्दों में कोई फलसफा नहीं…

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टिहरी में दलित युवक की हत्या पर अनुसूचित जाति आयोग की कार्रवाई

टिहरी गढ़वाल के श्रीकोट गाँव में शादी समारोह के दौरान सवर्णों द्वारा बेरहमी से पीटे गए युवक की हत्या का…

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108 एम्बुलेंस सेवा के 700 से अधिक कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त

उत्तराखंड में 108 एम्बुलेंस सेवा के 700 से अधिक कर्मचारियों की सेवाओं समाप्त कर दी गयी हैं. कारण यह कि…

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पत्तियों से बनने वाले जिन बर्तनों को हमने छोड़ा, जर्मनी वाले उससे कमा रहे हैं लाखों

पहाड़ों में आज भी शादी ब्याह, जनेऊ, नामकरण, श्राद्ध-भोज आदि में आज भी हमें पत्तियों द्वारा निर्मित कटोरीनुमा एक बर्तन…

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