समाज

बाक्सिंग में पहला गोल्ड मेडल लाने वाले पदम बहादुर मल्ल

1962 में एशियन गेम्स जकार्ता में हुए. भारत के मुक्केबाजों से किसी को कोई ख़ास उम्मीद थी नहीं. जब जकार्ता…

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मदमहेश्वर: जहां शिव की नाभि पूजी जाती है

द्वितीय केदार मदमहेश्वर मद्महेश्वर, मध्यमहेश्वर या मदमहेश्वर उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में है. यह पंचकेदार मंदिर समूह…

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तालेश्वर धाम : काली नदी घाटी का सबसे पवित्र धार्मिक तीर्थस्थल

पिथौरागढ़ जिले के झूलाघाट कस्बे से पांच किमी की दूरी पर स्थित है तालेश्वर धाम. तालेश्वर धाम झूलाघाट से जौलजीबी…

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देखिये क्या-क्या है कालाढूंगी के जिम कॉर्बेट म्यूजियम में

एडवर्ड जेम्स कॉर्बेट जिन्हें दुनिया जिम कॉर्बेट के नाम से जानती है, का जन्म 25 जुलाई 1875 को नैनीताल में…

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हल : पहाड़ की संस्कृति से जुड़ा एक पारम्परिक कृषि उपकरण

हल. भारतीय पारम्परिक कृषि का एक अति महत्त्वपूर्ण उपकरण. हल शब्द सुनते ही दिमाग में जो अर्थ आता है वह…

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द खलिया फैक्टर : नीरज सिंह पाँगती का फोटो निबंध

उत्तराखंड एक ऐसा प्रदेश है जिसे प्रकृति ने अपनी बेशकीमती नियामतों से बख्शने में कोई कोताही नहीं बरती है. उत्तराखंड…

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फल्दाकोट: मध्यकालीन कुमाऊँ का एक सशक्त पहाड़ी राज्य

फल्दाकोट मध्यकाल में कुमाऊँ का एक सशक्त पहाड़ी राज्य था. फल्दाकोट राज्य के अंतर्गत पाली पछाऊं का कोसी, स्याहीदेवी, ताड़ीखेत…

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कुमाऊँ की चंदवंशीय प्रशासन व्यवस्था में बूड़े व सयाने

उत्तराखण्ड के चंदवंशीय शासकों ने राज-काज व प्रशासनिक कार्यों में सलाह लेने के लिए समिति बनायी हुई थी. इन समितियों…

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उत्तराखण्ड का एक गाँव मलारी: जहाँ पांडव धनुर्विद्या सीखा करते थे

गढ़वाल मंडल के चमोली जिले की नीति घाटी में एक गाँव है मलारी. 2001 की जनगणना के मुताबिक मलारी की…

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कौसानी के कवि सुमित्रानंदन पंत -जन्मदिन पर विशेष

20 मई 1900 को जन्मे इस सुकुमार कवि के बचपन का नाम गुसांई दत्त था. स्लेटी छतों वाले पहाड़ी घर,…

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