परम्परा

हरेले की पूर्व संध्या पर आज दिन ढलते की जाएगी डिकारे की पूजा

हरेले से एक दिन पहले कुमाऊँ अंचल में डिकारे पूजे जाते हैं. कुछ लोग पहले ही डिकारे तैयार कर लेते…

3 years ago

हरेला लोकपर्व का पर्यावरण से संबंध

आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण सबंधित समस्याओं से जूझ रहा है. प्रकृति के संतुलन को बनाए रखना मानव…

3 years ago

हनोल का महासू देवता मंदिर

देवभूमि उत्तराखण्ड को शिव का निवास माना गया है. यहां भगवान शिव को कई रूपों में पूजा जाता है. हिमाचल…

3 years ago

फसल का पहला भोग इष्टदेव को लगाने की परम्परा: नैंनांग

हमारे पहाड़ों में नैंनांग देने की एक परम्परा है. नई फसल का पहला भोग अपने इष्टदेव को चढ़ाने का रिवाज…

3 years ago

देवता को बलि दिए जाने वाले मेमने के कान में क्या मंत्र फूंका जाता है

मंदिर में रखी पत्थर की मूर्तियों पर पानी छिडका जाता है और प्रार्थना की जाती है —“परमेश्वर खुश हो जा,…

3 years ago

घ्वीड़ संग्रान्द : एक पारम्परिक उत्तराखंडी त्यौहार

आज ज्येष्ठ मास की संक्रांति है. लगभग हर मास की संक्रांति को हमारे पहाड़ में किसी न किसी त्यौहार के…

4 years ago

पिथौरागढ़ की असुराचूल चोटी में असुर देवता का मंदिर

उत्तराखंड में देवी-देवताओं को ही नहीं असुरों व दानवों की भी पूजा की जाती है. यहां देवताओं की तरह पूजे…

4 years ago

कालीमठ मंदिर में खून की नदी देख दहल गया था गबर सिंह का दिल

रुद्रप्रयाग जिले के केदारखंड में मां मंदाकिनी के तट पर स्थित सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में  कुछ समय पूर्व तक मन्नतें…

4 years ago

श्री हनुमान धाम छोई

पिछले कुछ वर्षों में हनुमान धाम मंदिर रामनगर आने वाले पर्यटकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय रहा है. कार्बेट से लगा…

4 years ago

बसंत के पुजारी पहाड़ी बच्चों का आस का पर्व: फुलदेई

फुलदेई, उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध और बच्चों का खूबसूरत त्योहार है. फुलदेई शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है. फूल…

4 years ago