चंदवंशी राजा बालो कल्याण चंद ने जिस अल्मोड़ा शहर को 1563 में बसाया, उसी अल्मोड़ा शहर के स्व. देवी दत्त…
ट्रेल कुमाऊँ के दूसरे कमिश्नर रहे. उन्हीं के नाम पर पिथौरागढ़ और बागेश्वर के बीच के दर्रे को ट्रेल पास…
भैरव मंदिर से आगे कि ओर जहाँ गुरुद्वारा है, उसके पीछे की गली जो कसेरा लाइन से दूसरी ओर मिलती…
1856 से 1884 के बीच उत्तराखण्ड का कमिश्नर हेनरी रैमजे रहा. हेनरी रैमजे लार्ड डलहौजी का चचेरा भाई था. अंग्रेज…
राजा बाज बहादुर चंद कुमाऊं के चंदवंशीय शासकों में सबसे अधिक शक्तिशाली शासक रहे हैं. उनका बचपन बड़ा त्रासदीय रहा…
टोपी का भी अपना इतिहास है. क्षेत्र व समुदाय से लेकर अपनी अलग पहचान बनाने के लिए भी टोपी पहनने…
प्रागैतिहासिक काल- गढ़वाल और कुमाऊँ की पहाड़ियों और उनके तलहटी क्षेत्रों में प्रागैतिहासिक काल के संबंध में अभी तक अधिक…
सविनय अवज्ञा आन्दोनल के दूसरे दौर से पहले कांग्रेस के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका था. नेताओं और…
उत्तराखण्ड में अनेक स्थानों पर सविनय अवज्ञा आन्दोलन 'जंगलात आन्दोलन' का रूप ले चुका था. पिथौरागढ़, लोहाघाट, चंपावत में जंगल…
1930 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन का पूरे देश में अलग-अलग स्वरूप था. उत्तराखंड में भी सविनय अवज्ञा आन्दोलन के विभिन्न…