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मध्य देशों से कुमाऊं-गढ़वाल के घरों में कैसे पहुंची नाक की नथुली

उत्तराखंड में महिलाओं के आभूषण किसी को भी आकर्षित कर सकते हैं. इन्हीं आभूषणों में एक नाक की नथ या…

5 years ago

घर की देहली पर बनाये जाने वाले ऐपण

ऐपण कुमाऊनी आलेखन परंपरा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह कुमाऊँ के लोकजीवन व धार्मिक आयोजनों का महत्वपूर्ण पक्ष है.…

5 years ago

रंगवाली पिछौड़ा : कुमाऊनी महिलाओं की पहचान

उत्तराखंड का परम्परागत परिधान आदर्शतः वहां के वासिंदों की जीवन शैली के साथ ही वहां की प्रजातीय समुदाय की विशिष्ट…

5 years ago

उत्तराखंड के वैवाहिक रीति-रिवाज में विशेष महत्व है समधी-समधिन का

कुमाऊं और गढ़वाल में बहुत सी ऐसी परम्परा और रीतियां हैं जो अब हमें केवल किताबों में देखने को मिलती…

5 years ago

माँ नंदा के भाई लाटू देवता के मंदिर में पुजारी आंखों में पट्टी बांधकर करता है पूजा

लाटू देवता को उत्तराखण्ड की अनन्य इष्ट देवी नंदा का धर्म भाई माना जाता है. इसलिए माँ नंदा को पूजे…

5 years ago

भेलिधरण या भेली धरना: कुमाऊँ का एक वैवाहिक अनुष्ठान

भेली धरना या भेलिधरण कुमाऊँ के वैवाहिक अनुष्ठानों में सगाई की एक रस्म की तरह ही है. इसका शाब्दिक अर्थ…

6 years ago

मासी का सोमनाथ मेला

सोमनाथ भगवान शंकर का पर्यायवाची नाम है. सोमनाथेश्वर नामक स्थान पर झाड़ियों के बीच एक गुफा के अन्दर शिवलिंग की…

6 years ago

रं समाज में विवाह पद्धतियां

रं समाज में मुख्यतः एकल विवाह ही होता है, परन्तु कभी-कभी बच्चे नहीं होने की दशा में या पत्नी की…

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ग्राम तिदांग के ह्या छूङ सै की कहानी

ग्राम तिदांग के ह्या रंचिम का युग व सिम कच्यरो पैं के युग की समाप्ति के बाद ह्या छूङ सै…

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ग्राम तिदांग के सिम कच्यरों पैं की कहानी

तिदांग रंचिम के युग की समाप्ति के बाद तिदांग में सिम कच्यरो पैं (तीन कच्यरो भाई) का युग शुरू होता…

6 years ago